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मध्य खप्रदेश के छतरपुर में थाने पर हमले के बाद सख्त ऐक्शन लिया गया और मुख्य आरोपी पूर्व सदर शहजाद अली के महलनुमा घर पर बुलडाजर चला दिया गया। बताया जा रहा है कि यह हवेली बॉलीवुड फिल्म सनम बेवफा की तर्ज पर बनाई गई थी और तो और गृह प्रवेश भी होना बाकी था। लेकिन इससे पहले ही इस घर को खंडहर में तब्दील कर दिया गया। प्रशासन का दावा है कि 20 हजार वर्ग फीट में बनी यह हवेली बिना किसी अनुमति के बनाई गई थी। शहजाद अली के लिए यह हवेली उसके सपनों का महल था जिसपर वह 10 करोड़ से ज्यादा रुपए खर्च कर चुका था। इसका निर्माण साल 2017 में शुरू हुआ था।
प्रशासन के इस बुलडोजर ऐक्शन की चपेट में सिर्फ यह एक हवेली ही नहीं बल्कि दो और मकान और कुछ गाड़ियां भी आईं। बताया जा रहा है कि इस नई नवेली हवेली से हटे शहजाद अली के एक और घर और उसके भाई आजाद अली के घर को भी ध्वस्त कर दिया गया है। इसके अलावा तीन कारें, दो बाइक और दो स्कूटी भी रौंद दी गई हैं।
क्या है थाने पर पथराव का पूरा मामला
दरअसल छतरपुर में 21 अगस्त को दोपहर में शहर सदर जावेद अली और पूर्व सदर शहजाद अली की अगुवाई में 100-150 लोग महाराष्ट्र में कथितलतौर पर पैंगबर मुहम्मद साहब पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ ज्ञापन देने के लिए कोतवाली थाने पहुंचे थे। वह एफआईआर दर्ज करवाना चाहते थे। इस दौरान पुलिस और प्रशासन की टीम ने पहुंचकर समुदाय के लोगों से चर्चा की और ज्ञापन प्राप्त कर अभिस्वीकृति दी। मौके पर प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों ने उन्हें समझाया। इसके बाद कुछ भीड़ अचानक उग्र हो गई और उपद्रवी लोगों ने थाने पर पथराव शुरू कर दिया। इस घटना में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक छतरपुर और थाना प्रभारी कोतवाली सहित 10 लोग घायल हो गए। मामले की सूचना भोपाल तक पहुंच गई और मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उच्च अधिकारियों से आरोपियों के खिलाफ सख्त ऐक्शन लेने के लिए कहा।
शहजाद अली पर आरोप है कि उसने ही भीड़ को उकसाया था जिसके बाद भीड़ उग्र हो गई और पथराव शुरू कर दिया। इस मामले में पुलिस ने 150 उपद्रवियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है और 20 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मुख्यालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार पुलिस ने 48 नामजद और 100 से अधिक अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रकरण पंजीबद्ध किया है। प्रकरण में अभी तक 70 से अधिक लोगों से पुलिस द्वारा पूछताछ की गई और 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
छतरपुर में बुधवार रात जिला प्रशासन द्वारा संयुक्त फ्लैग मार्च निकाला गया और विभिन्न व्यापारी वर्ग, संगठनों से चर्चा कर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए आश्वस्त कर स्थिति को नियंत्रित किया गया। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि चाहे इमरान प्रतापगढ़ी हो या कोई और, कानून, कानून की तरह ही काम करेगा। अगर कोई कानून अपने हाथ में लगा तो वह किसी भी क्षेत्र, जाति या धर्म का हो, बख्शा नहीं जाएगा। मध्यप्रदेश में ऐसा नहीं होता कि धर्म देख कर कार्रवाई की जाए।
छतरपुर मामले के आरोपियों के संबंध में उन्होंने कहा कि उन लोगों ने कानून अपने हाथ में लेते हुए दहशत फैलाने का काम किया है। ऐसे लोगों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
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