[ad_1]
नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। चार दिवसीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वाशिंगटन में भारतीय प्रवासियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका एक साथ मिलकर दुनिया में शांति, समृद्धि और स्थिरता सुनिश्चित करने में सक्षम हैं। उन्होंने भारत और अमेरिका को स्वभाविक सहयोगी और मजबूत भागीदार बताया तथा कहा कि दोनों के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है। राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में वैश्विक मंच पर भारत का कद बढ़ा है। उन्होंने कहा, इससे पहले अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बातों पर ध्यान नहीं दिया जाता था लेकिन आज पूरी दुनिया भारत को ध्यान से सुन रही है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि 2014 से पहले भारत ‘कमजोर पांच देशों में से एक था, जैसा कि निवेश फर्म मॉर्गन स्टेनली द्वारा कहा गया था। परंतु आज भारत खुद को दुनिया की ‘शानदार पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक पाता है। उन्होंने कंपनी की हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि भारत 2027 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रति सरकार की प्रतिक्रिया ने यह सुनिश्चित किया कि भारतीय अर्थव्यवस्था अन्य देशों की तुलना में प्रतिकूल रूप से प्रभावित नहीं हुई। उन्होंने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की चर्चा की, जिसमें 5,000 से अधिक वस्तुओं वाली सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना शामिल है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि घरेलू कंपनियों द्वारा भारतीय धरती पर अत्याधुनिक रक्षा वस्तुओं का निर्माण किया जाए।
रक्षा मंत्री ने अमेरिका में भारतीय समुदाय से वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के अनुरूप ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करने का आग्रह करते हुए संबोधन का समापन किया।
दो समझौते पर किए हस्ताक्षर
इससे पूर्व दोनों पक्षों के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों ने आपूर्ति की सुरक्षा व्यवस्था (एसओएसए) और संपर्क अधिकारियों के असाइनमेंट के संबंध में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। वे राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के सलाहकार जेक सुलिवन से भी मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, वह चल रहे और भविष्य के रक्षा सहयोग पर अमेरिकी रक्षा उद्योग के साथ उच्चस्तरीय राउंड टेबल बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस यात्रा से भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक भागीदारी और अधिक गहरी तथा व्यापक होने की उम्मीद है।
[ad_2]
Source link