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मध्यप्रदेश में एक बार फिर तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है। इस दौरान भोपाल, इंदौर, नर्मदापुरम और रतलाम समेत प्रदेश के कई जिलों में गुरुवार रात से ही बारिश हो रही है। इसके अलावा अगले 24 घंटों के लिए मौसम विभाग ने छिंदवाड़ा और सिवनी जिले में भारी से अतिभारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, इस दौरान यहां अनेक स्थानों पर बिजली गिरने और झंझावात के साथ 115.6 से 204.4 मिली मीटर बारिश हो सकती है। साथ ही विभाग ने 40 जिलों के लिए भी बारिश का येलो अलर्ट जारी करते हुए जोरदार बारिश का पूर्वानुमान लगाया है।
शुक्रवार सुबह तक पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के चंबल संभाग के जिलों में कहीं-कहीं, नर्मदापुरम, ग्वालियर, जबलपुर और शहडोल संभागों के जिलों में अनेक स्थानों पर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन, रीवा, सागर संभागों के जिलों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा दर्ज की गई। इनके अलावा अन्य शेष सभी संभागों के जिलों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहा।
छिंदवाड़ा के बिछुआ में गिरा सबसे ज्यादा पानी
आज सुबह तक प्रदेश में सबसे ज्यादा बारिश बिछुआ में 175 मिलीमीटर, घंसौर में 166 मिलीमीटर, कन्नौद में 119 मिलीमीटर, मोहन बड़ोदिया में 99 मिलमीटर और कुरई में 95 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई। इन स्थानों के अलावा अन्य स्थानों पर इससे कम ही बारिश हुई। इस दौरान प्रदेश में सर्वाधिक अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस ग्वालियर में दर्ज किया गया तथा सबसे कम न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री सेल्सियस पचमढ़ी (नर्मदापुरम) में दर्ज किया गया।
गुरुवार से लेकर शुक्रवार सुबह तक भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, ग्वालियर, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, मैहर, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, पन्ना,दमोहर, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी में गरज-चमक के साथ तेज हवाएं चलीं।
इन 40 जिलों में जोरदार बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने शनिवार सुबह तक के लिए प्रदेश के 40 जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान विदिशा, सीहोर, राजगढ़, बैतूल, खरगोन, बड़वानी, अलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, देवास, शाजापुर, आगर, मंदसौर, नीमच, गुना, अशोकनगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां, सिंगरौली, सीधी, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, मंडला, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, मैहर, पांढुर्णा जिलों में कुछ स्थानों पर बिजली गिरने और तेज हवा चलने के साथ ही 64.5 मिलीमीटर से 115.5 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है।
इसके अलावा भोपाल, रायसेन, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, ग्वालियर, दतिया, भिंड, मुरैना, रीवा, मऊगंज, निवाड़ी जिलों में कुछ स्थानों पर बिजली गिरने के साथ ही जोरदार हवाएं चलने और बारिश होने की उम्मीद विभाग ने जताई है।
इन स्थानों पर आ सकती है मध्यम बाढ़
अगले 24 घंटों के दौरान प्रदेश के गुना, आगर, शिवपुरी, श्योपुरकलां, उज्जैन, रतलाम, मंदसौर, नीमच, शहडोल, दक्षिणी सीधी, अनूपपुर, डिंडोरी, दक्षिणी सिवनी, दक्षिणी बालाघाट, छिंदवाड़ा, दक्षिणी सिंगरौली जिलों में कुछ स्थानों पर मध्यम बाढ़ का खतरा है, और अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, खरगोन, खंडवा, हरदा, धार जिलों में हल्की बाढ़ से खतरा होने की संभावना है।
ऐसी है मॉनसून ट्रफ की स्थिति
मॉनसून ट्रप वर्तमान में बीकानेर, सीकर, उरई, चुर्क, देहरी, पश्चिम बंगाल और पूर्वोत्तर झारखंड पर बने निम्न दाब क्षेत्र के केंद्र और फिर दक्षिण-पूर्व की ओर उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी तक माध्य समुद्र तल से 0.9 किलोमीटर की ऊंचाई तक विस्तृत है।
शुक्रवार सुबह 8.30 बजे उत्तरी पश्चिम बंगाल और संलग्न पूर्वोत्तर झारखंड के ऊपर निम्न दाब क्षेत्र बना हुआ है। इससे सम्बन्धित चक्रवातीय परिसंचरण माध्य समुद्र तल से 7.6 किलोमीटर की ऊंचाई तक सक्रिय है। शुक्रवार सुबह 8.30 बजे महाराष्ट्र तट से संलग्न पूर्वी-मध्य अरब सागर के ऊपर अन्य निम्न दाब क्षेत्र बना हुआ है, इससे सम्बन्धित चक्रवातीय परिसंचरण माध्य समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक दक्षिण-पश्चिम की ओर झुकाव के साथ सक्रिय है।
उत्तरी बंगाल की खाड़ी के ऊपर 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है। महाराष्ट्र तट से संलग्न पूर्वी-मध्य अरब सागर के ऊपर बने निम्न दबाव क्षेत्र से लेकर उत्तरी केरल तट तक एक अपतटीय ट्रफ बना हुआ है। वर्तमान में पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडल की पछुआ पवनों के मध्य एक ट्रफ के रूप में माध्य समुद्र तल से 5.8 किलोमीटर की ऊंचाई पर 70 डिग्री पूर्व देशांतर के सहारे 30 डिग्री उत्तर अक्षांश के उत्तर में स्थित है।
यह है मौसम विभाग के कलर कोड का मतलब
IMD यानी मौसम विभाग मौसम की चेतावनियों के लिए ‘रंग-कोड’ का उपयोग करता है, जिससे संभावित मौसम की घटनाओं की गंभीरता को दर्शाया जा सके। इसका मुख्य उद्देश्य संबंधित अधिकारियों और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को मौसम के संभावित प्रभाव के बारे में पहले से ही सचेत करना है, जिससे वह आपदा जोखिम कम से कम करने के लिए संबंधित आवश्यक कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
इन कलर कोड्स के अनुसान ‘ग्रीन अलर्ट’ का अर्थ है कि किसी सलाह की आवश्यकता नहीं है। ‘येलो अलर्ट’ खराब मौसम और स्थिति के बिगड़ने की संभावना को दर्शाता है, जिससे जन-जीवन प्रभावित हो सकता है। ‘ऑरेंज अलर्ट’ का अर्थ है संभावित बिजली कटौती और परिवहन, रेल, सड़क तथा हवाई यात्रा में संभावित व्यवधान के लिए तैयार रहें। ‘रेड अलर्ट’ का अर्थ है कार्रवाई करें, अत्यंत खराब मौसम के कारण परिवहन और बिजली आपूर्ति बाधित होने की आशंका है और जन-जीवन को खतरा हो सकता है।
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