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पुरुस्कार लेतीं डॉ. पूरबी सैकिया।
झारखंड के दो वैज्ञानिकों को राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के लिए चुना गया है। इनमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ झारखंड (सीयूजे) की डॉ. पूरबी सैकिया और जमशेदपुर के डॉ. अभिलाष शामिल हैं। राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनएमएल), जमशेदपुर के वरिष्ठ प्रधा
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मेरे लिए यह गौरव का क्षण : डॉ. अभिलाष
डॉ. अभिलाष ने एनएमएल जमशेदपुर में 2007 से स्थायी तौर पर वैज्ञानिक के रूप में काम करना आरंभ किया। खदान और प्रक्रिया अपशिष्ट जैसे दूसरे लेयर के संसाधनों से महत्वपूर्ण-रणनीतिक धातुओं जैसे लिथियम, निकेल, कोबाल्ट, यूरेनियम जैसे रेयर अर्थ मेटल निष्कर्षण के लिए स्वदेशी तकनीकों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। खनन, धातुकर्म और अपशिष्ट पुनर्चक्रण उद्योगों के लिए तकनीकों का लाभ उठाने में अनुकरणीय योगदान दिया है। निम्न श्रेणी के टेलिंग से यूरेनियम के जैव प्रसंस्करण, दूषित स्थलों के उपचार, लाल मिट्टी, ब्लास्ट फर्नेस स्लैग, व्यय उत्प्रेरक और ईवी बैटरी से सीधे दुर्लभ-पृथ्वी तत्वों के निष्कर्षण के लिए नई तकनीकों का विकास किया।
नई दिल्ली में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 33 वैज्ञानिकों को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया
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