[ad_1]
उदयपुर के सुखेर औद्योगिक क्षेत्र स्थित मार्बल भवन में एमएसएमई मार्बल कलस्टर इकाइयों से चर्चा कार्यक्रम को संबोधित करती केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि देश में जो बजट पेश किया जाता है उसको लागू करने में ग्राउंड जीरो पर संवाद जरूरी है। वे बोलीं की देश में इसकी शुरुआत उदयपुर से की जा रही है। इसके तहत एमएसएमई कलस्टर से चर्चा कर संवाद किया जाएगा और
.
आज उदयपुर यात्रा पर आई सीतारमण ने कहा कि विकसित भारत- 2047 के संकल्प को पूरा करने में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की महती भूमिका रहेगी। इसलिए बजट में इन्हें विशेष प्राथमिकता दी गई हैं। वे शाम को उदयपुर के सुखेर औद्योगिक क्षेत्र स्थित मार्बल भवन में एमएसएमई मार्बल कलस्टर इकाइयों से चर्चा कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं।
सीतारमण ने कहा कि भारत की संस्कृति और समृद्धि में मेवाड़ का योगदान शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। बजट घोषणाओं को लागू करने में ग्राउंड जीरो पर हितधारकों से संवाद आवश्यक है और इसका विशेष महत्व है। बजट जनता के लिए होता है, बजट जनता के बीच आने के बाद फीडबैक के आधार पर हम संशोधन करते हैं। एमएसएमई की भागीदारी 2047 के विजन को साकार करने में प्रमुख है। इसलिए बजट में इसे विशेषज्ञ प्राथमिकता दी गई है।
उदयपुर के सुखेर औद्योगिक क्षेत्र स्थित मार्बल भवन में संबोधित करते एमएसएमई मंत्रालय के मंत्री जीतन राम मांझी।
मांझी बोले- भारत जल्द बनेगा विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए भारत सरकार के एमएसएमई मंत्रालय के मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि देशभर में ऐसे संवाद कार्यक्रमों के माध्यम से बेरोजगारी दूर करने की दिशा में प्रयास किया जा रहा है। बेरोजगारी दूर करने में एमएसएमई क्षेत्र का बड़ा योगदान है। सूक्ष्म और लघु उद्योग भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है जिसका योगदान देश की अर्थव्यवस्था में 30 फीसदी है और देश के 20 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि हमारे लिए गर्व का विषय है कि देश आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में विश्व की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है। शीघ्र ही देश विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं जो कि एक सुखद अहसास है। जहां वैश्विक आर्थिक प्रगति की दर 3.2 फीसदी है वहीं भारत आर्थिक प्रगति के मामले में 7 फीसदी की दर से बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में 10.3 लाख करोड़ का बैंकों को एमएसएमई मंत्रालय द्वारा क्रेडिट दिया गया जबकि वर्ष 2023 में यह राशि बढ़कर 22.6 लाख करोड़ हो गई। इस वर्ष भी भारत सरकार के बजट में एमएसएमई को विशेष बल दिया गया है जहां मुद्रा लोन की राशि 10 लाख से बढ़कर 20 लाख कर दी गई है। श्री माँझी ने कहा कि सूक्ष्म उद्योगों पर विशेष ध्यान देने से ही हम देश को विकसित देशों की श्रेणी में ले जा सकते है।
वित्त सचिव एम नागराजू ने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र का एम्प्लॉयमेंट और जीडीपी में बड़ा योगदान है। केंद्र सरकार 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने हेतु संकल्पबद्ध है और इस लक्ष्य की प्राप्ति में एमएसएमई की बड़ी भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। सिडबी चेयरमैन मनोज मित्तल, उदयपुर सांसद डॉ मन्नालाल रावत भी बतौर अतिथि मंचासीन थे।
उदयपुर के सुखेर औद्योगिक क्षेत्र स्थित मार्बल भवन के कार्यक्रम में मौजूद जनप्रतिनिधि और उद्यमी
संवाद में रखी अपनी बात
कार्यक्रम में उदयपुर शहर विधायक ताराचंद जैन, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा, जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल सहित विभिन्न अधिकारीगण तथा मार्बल व्यवसायी उपस्थित रहे। मार्बल कलस्टर एमएसएमई इकाइयों से जुड़े व्यवसायियों पंकज गांगावत, राकेश भाणावत, उमेश नागौरी, वीरमदेव कृष्णावत, नीरज शर्मा आदि ने मार्बल उद्योग, कर प्रणाली आदि से जुड़े समस्याएं व सवाल रखे। प्रारंभ में वित्त मंत्री और एमएसएमई मंत्री के मार्बल भवन पहुंचने पर उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष पंकज गांगावत, उपाध्यक्ष राजेंद्र मोर, सचिव नीरज शर्मा आदि ने उनका स्वागत किया। संचालन डॉ सीमा चंपावत ने किया।
सिडबी और उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के मध्य एमओयू का आदान-प्रदान किया
एमओयू कर दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया
कार्यक्रम के दौरान उदयपुर जिले में मार्बल उद्योग को प्रोत्साहित करने को लेकर सिडबी और उदयपुर मार्बल एसोसिएशन के मध्य हुए एमओयू दस्तावेजों का वित्त मंत्री व एमएसएमई मंत्री की उपस्थिति में आदान प्रदान किया गया। एमओयू के तहत मार्बल इकाइयों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण आदि को लेकर प्रावधान किए गए हैं।
संवाद कार्यक्रम में केंद्रीय वित्तमंत्री को फीडबैक देते उद्यमी
संवाद में मार्बल व्यवसायियों ने यह दिए सुझाव
- पिछले 10 वर्षों में मार्बल का बाजार मूल्य पहले से 30-40% कम हो गया है। जीएसटी से पहले मार्बल और ग्रेनाइट पर लगभग 5% वैट था। जीएसटी काल में यह 18% है जो मार्बल के उपयोग को हतोत्साहित कर रहा है।
- निर्माण उद्योग द्वारा घरेलू मार्बल और ग्रेनाइट के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए भारतीय मार्बल और ग्रेनाइट पर जीएसटी की दर को कोटा पत्थर और सेंड स्टोन के बराबर (5%) किया जाए।
- सरकार की OGL नीति के बाद इम्पोर्टेड माल का आयात 10 गुना से अधिक बढ़ गया है। जिससे घरेलू उत्पाद कारोबार करने वाले मार्बल उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
- घरेलू मार्बल की सुरक्षा और आपकी सरकार की मेक इन इंडिया नीति को प्रोत्साहित करने के लिए ओजीएल योजना के तहत मार्बल आयात पर मात्रात्मक प्रतिबंध लगाए।
- उदयपुर मार्बल मंडी पिछले 30 सालों से स्थापित हैं परन्तु अभी तक औद्योगिक क्षेत्र विस्तार नहीं होने से आगे नहीं बढ़ पा रहे है। वर्तमान क्षेत्र अरबन एरिया के नजदीक आ गया है। कोई नया औद्योगिक क्षेत्र (स्टोन पार्क) यहां सुखेर मार्बल मंडी के नजदीक दिया जाए।
पश्चिम-मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की ली समीक्षा बैठक को संबोधित करती वित्तमंत्री सीतारमण
पश्चिम-मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की ली समीक्षा बैठक
इससे पहले दोपहर में केंद्रीय वित्त एवं सहकारिता मामलात मंत्री निर्मला सीतारमण ने होटल लीला पैलेस में पश्चिम व मध्य क्षेत्र के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की समीक्षा बैठक ली। क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के चेयरमैन और उनके प्रायोजित बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) के साथ समीक्षा बैठक में बैंकिंग क्षेत्र में आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए प्रभावी कार्य योजना बनाने पर चर्चा की गई।
बैंकों की पिछले वित्तीय वर्ष की वार्षिक कार्ययोजना एवं प्रगति की समीक्षा की गई। सीतारमण ने बैंकिंग पहुंच बढ़ाते हुए विकसित भारत के संकल्प को साकार करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के माध्यम से आमजन को लाभ देने के लिए बैंक के सभी अधिकारी समन्वय से कार्य करें।
बैठक में वित्तीय सेवाएं विभाग के सचिव एम नागराजू, अपर सचिव एमपी तंगीराला सहित नाबार्ड के चेयरमैन के बी शॉ, आरबीआई के कार्यपालक निदेशक जयंत कुमार दास, बैंक ऑफ़ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी देवदत्त चांद, बैंक ऑफ़ महाराष्ट्र के प्रबंध निदेशक निधू सक्सेना, भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक अश्विनी कुमार तिवारी ने अपने-अपने बैंकों की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही बैंकों द्वारा किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी।
सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों को पांच करोड़ के ऋण पत्र सौंपते
सूक्ष्म एवं लघु उद्यमियों को पांच करोड़ के ऋण पत्र सौंपे
सीतारमण ने बीएन कॉलेज रोड़ स्थित स्मॉल इंडस्ट्रीज डवलपमेंट बैंक (सीडबी) कार्यालय का अवलोकन किया जहां चार सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमियों को लगभग पांच करोड़ रुपए के ऋण के स्वीकृति पत्र प्रदान किये। इस दौरान सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के केन्द्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, भारत सरकार के वित्त विभाग के सचिव एम. नागराजू एवं उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत भी उपस्थित थे।
सीतारमण ने सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमियों से उद्योगों में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की एवं पूर्व के कार्यकलापों का रिव्यू किया। साथ ही भविष्य में जल्द ही समस्याओं के निवारण का आश्वासन दिया। चैयरमेन मनोज मित्तल, मुख्य महाप्रबंधक विवेक मल्होत्रा, जीएम अशोक पांडे, डीजीएम अभय कुमार जैन ने सभी का स्वागत-सत्कार किया
[ad_2]
Source link