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गाजियाबाद पुलिस ने एक अन्य धर्म की महिला डॉक्टर को धोखा देकर उससे शादी करने के आरोप में एक डॉक्टर को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने बताया कि आरोपी डॉक्टर पर उत्तर प्रदेश के गैरकानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। दंपति ने साल 2018 में शादी की थी और उनका एक बेटा भी है। महिला की मां की शिकायत पर 13 अगस्त को इस मामले में कोतवाली थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। महिला ने आरोपी डॉक्टर पर लव जिहाद की साजिश के तहत उनकी बेटी से दोस्ती करने का आरोप लगाया।
पुलिस ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि अब्दुर रहमान (42) और शिकायतकर्ता की बेटी हर्षा सारंगी नोएडा के एक निजी अस्पताल में काम करने के दौरान एक-दूसरे करीब आए। इसी दौरान हर्षा को शादी के लिए मनाने वास्ते आरोपी ने हिंदू धर्म अपनाने का नाटक किया, जिसके बाद 15 अक्टूबर, 2018 को दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली।
पुलिस के मुताबिक हालांकि आरोपी डॉक्टर ने इस्लाम का पालन करना जारी रखा और यहां तक कि जून 2021 में पैदा हुए अपने बेटे को एक मुस्लिम नाम भी दिया। इस केस को लेकर पुलिस उपायुक्त (गाजियाबाद नगर) राजेश कुमार सिंह ने बताया, ‘महिला डॉक्टर से परिचय होने के 11 महीने बाद रहमान ने उसे धोखा देने के इरादे से अपना धर्म बदल लिया और हिंदू बन गया और नोएडा के आर्य समाज मंदिर में उससे शादी कर ली।’
सिंह ने बताया, ‘इस मामले में महिला डॉक्टर की मां सांग्विका सारंगी की शिकायत पर 13 अगस्त को कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। सांग्विका ने रहमान पर उनकी बेटी को जलाने का आरोप भी लगाया था, जिसका इलाज दिल्ली के एक अस्पताल में कराया गया।’ दूसरी तरफ रहमान ने दावा किया कि नोएडा में उसके फ्लैट में चाय बनाते समय हर्षा सारंगी जल गई थी।
अधिकारी ने बताया, ‘जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि रहमान ने केवल हर्षा को फंसाकर उससे शादी करने के लिए हिंदू धर्म अपनाने का नाटक किया था। जबकि असलियत में उसने कभी भी हिंदू धर्म का पूरे दिल से पालन नहीं किया था। जून 2021 में दंपति को एक लड़का हुआ। रहमान ने उसे भी मुस्लिम धर्म के अनुसार नाम दिया और बच्चे का खतना तक करवा दिया।’
पुलिस अधिकारी ने बताया कि सारंगी ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि रहमान ने ‘लव जिहाद’ की साजिश के तहत उनकी बेटी से दोस्ती की थी। आरोपी पर उत्तर प्रदेश के गैरकानूनी धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 और भारतीय दंड संहिता की धारा 326 (गंभीर चोट पहुंचाना) और 420 (धोखाधड़ी) (चूंकि अपराध बीएनएस के लागू होने से पहले हुआ था) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि मामले में आगे की जांच की जा रही है और अन्य कानूनी कार्यवाही की जा रही है।
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