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झारखंड के सभी सरकारी अस्पतालों में अब निजी डॉक्टर भी मरीजों का इलाज-ऑपरेशन करेंगे। साथ ही जरूरत पड़ने पर ओपीडी में भी मरीजों की जांच करेंगे। इसके बदले सरकार उन्हें मासिक या फिर प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करेगी। यह व्यवस्था सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल कॉलेजों में भी लागू की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव जय किशोर प्रसाद ने इससे संबंधित सूचना जारी कर दी है। इसमें उन्होंने कहा है कि जो इच्छुक डॉक्टर जिले के मेडिकल कॉलेज कार्यालय या सिविल सर्जन कार्यालय में 30 अगस्त तक आवेदन दे सकते हैं।
ओपीडी में प्रति मरीज 200 या 300 रुपए का भुगतान
विशेष सचिव ने कहा है कि सीएचसी, सदर अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में ओपीडी सेवाओं के लिए भी विशेषज्ञ और अतिविशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं ली जाएंगी। विशेषज्ञ चिकित्सकों को 200 रुपए प्रति मरीज एवं अति विशेषज्ञ चिकित्सकों को 300 रुपए प्रति मरीज भुगतान होगा। पर यह राशि प्रति माह डेढ़ लाख रुपए से कम होगी। मुख्यमंत्री अबुआ स्वास्थ्य योजना और आयुष्मान भारत के तहत अस्पतालों को प्राप्त होने वाली बीमित राशि से निजी डॉक्टरों को भुगतान किया जाएगा।
क्षेत्रीय अस्पतालों में एक माह में 10 लाख की क्लेम राशि मिलेगी तो विशेषज्ञ को लगभग 2.05 लाख, अति विशेषज्ञ को 2.50 लाख रुपए का पारिश्रमिक दिया जाएगा। वहीं मेडिकल कॉलेजों में विशेषज्ञ को 2,02,500, अति विशेषज्ञ को 2,42,500, निश्चेतक को 75,500 रुपए मिलेंगे। एवं सहयोगी विशेषज्ञ चिकित्सक को 25000 रुपए प्राप्त होंगे। दावा राशि जितनी अधिक होगी, पारिश्रमिकी राशि भी उतनी ज्यादा होगी।
कमेटी करेगी निजी डॉक्टरों का चयन
क्षेत्रीय अस्पतालों में निजी क्षेत्र के चिकित्सकों का चयन जिला स्तर पर गठित अनुश्रवण समिति के माध्यम से किया जाएगा। वहीं मेडिकल कॉलेजों के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी में संबंधित जिला के उपायुक्त, संबंधित मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, अधीक्षक, संबंधित विभागाध्यक्ष एवं एक वरीयतम प्राध्यापक शामिल होंगे।
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