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दिल्ली मेट्रो के फेज चार में बन रहे गोल्डन लाइन (तुगलकाबाद से एयरोसिटी) कॉरिडोर के छतरपुर से छतरपुर मंदिर स्टेशन के बीच 865 मीटर सुरंग निर्माण का कार्य बुधवार को पूरा हो गया है। टीबीएम (टनल बोरिंग मशीन) के जरिए सुरंग निर्माण के आखिरी चरण का साक्षी बनने के लिए उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत, केंद्रीय शहरी कार्य मंत्रालय के प्रमुख सचिव जयदीप समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। सुरंग का निर्माण पूरा होने के बाद छतरपुर मंदिर स्टेशन पर टनल बोरिंग मशीन को बाहर निकाला गया।
मजबूती के लिए भाप शोधन प्रणाली का इस्तेमाल
मेट्रो अधिकारियों ने बताया कि सुरंग में कुल 618 रिंग डाले गए हैं। इसका निर्माण मुंडका में पूरी तरह से मैकेनाइज्ड कास्टिंग यार्ड के अंदर बनाया गया है। मजबूती के लिए भाप शोधन प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है। चूकि यहां पर पहले से यलो मेट्रो लाइन (समयपुरी बादली से गुरुग्राम) कॉरिडोर का छतरपुर मेट्रो स्टेशन मौजूद है तो यहां पर सुरंग निर्माण के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरती गई है। निर्माण के दौरान यलो लाइन के परिचालन पर कोई असर नहीं पड़ा।
इन इलाकों में रहने वालों को फायदा
इस लाइन के बनने के बाद तुगलकाबाद, संगम विहार, खानपुर, इग्नू, मैदान गढ़ी, छतरपुर, वसंत कुंज से लेकर महिपालपुर तक के लाखों लोगों को फायदा होगा। फेज चार में बन रहे गोल्डन लाइन कॉरीडोर कुल 25.82 किलोमीटर लंबा है, जिसपर कुल 16 स्टेशन है। इसके 12 स्टेशन भूमिगत, जबकि चार स्टेशन एलिवेटेड हैं। भूमिगत स्टेशनों में से छतरपुर और छतरपुर मंदिर के बीच करीब 865 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण करने के लिए यहां पर 97 मीटर लंबे टीबीएम की मदद ली गई है। मार्च से चल रहे सुरंग निर्माण का कार्य बुधवार को पूरा हो गया है। दूसरी तरफ की सुरंग का काम भी सितंबर तक पूरा होने के आसार हैं। इस सुरंग का व्यास 5.8 मीटर है।
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