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बैठक में चर्चा करते सर्व समाज के लोग।
भिवानी जिले के बवानी खेड़ा स्थित डेरा बाबा जर्नानाथ मंदिर में शहर के 36 बिरादरी के लोग एकत्रित हुए। मीटिंग का मुख्य उद्देश्य विधानसभा चुनावों में उम्मीदवार स्थानीय हो। जो यहां से जीतकर विधानसभा पहुंचे और बवानी खेड़ा में विकास करवाए। क्योंकि विकास के मा
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चाहे मौजूद सरकार में 3 करोड़ से बना पंडित दीन दयाल उपाध्याय पर्यटन स्थल, करोड़ों की लागत से अग्निशमन केन्द्र, डॉ. हैडग्वार सभागार जिसका उदघाटन तक नहीं हुआ। चाहे खेल स्टेडियम का न होना, सीवरेज का बदहवाल सिस्टम, पीने के पानी की समस्या, किसानों के लिए सुंदर नहर की समस्या आदि शामिल है। हालांकि इस मीटिंग में पिछले जीते उम्मीदवारों को शहर में विकास न करवाए जाने व दोबारा वोट मांगने के लिए आने पर चप्पलों की माला से स्वागत करने पर जुबानी तू-तड़ाक भी हुई।
समस्त समुदाय ने की बैठक
बवानी खेड़ा के डेरा बाबा जर्नानाथ मंदिर में समस्त समुदाय के लोग एकत्रित हुए और अपनी उम्मीदवारी रखने वालों में भाजपा नेता सुरेश ओड, कपूर वाल्मीकि, ओमप्रकाश, संजय कारखल, रमेश काजल, सोमबीर वाल्मीकि, रमेश सिकरीवाल व अन्य थे। मीटिंग में अपनी अहम भूमिका गजानंद शास्त्री, विनित तवंर, दिनेश आदि ने निभाई। उम्मीदवारी जताने वालों ने टिकट मिलने पर जीतने पर शहर के विकास की बात कही। मीटिंग में मुद्दा गुंजा कि लगभग 53 वर्षों से शहर का कोई उम्मीदवार नहीं चुना गया क्योंकि किसी पार्टी से टिकट नहीं मिली।
बैठक में मौजूद लोग।
निर्दलीय उम्मीदवार उतारने की चेतावनी
इस बार शहर ने एकजुट होकर निर्णय लिया कि 20 हजार के संख्या वाले शहर किसी दूसरे एरिया के उम्मीदवार के गले में माला डालकर समर्थन करता है और विकास के लिए अपनी चप्पले तुड़वाता है। लेकिन अबकी बार ऐसा नहीं होगा। शहर ने एकजुट होकर समर्थन दिया कि हर इंसान किसी न किसी पार्टी से जुड़ा हुआ है। यदि स्थानीय उम्मीदवार को टिकट मिलती है तो वे हर इंसान के आगे वोट मांगकर उस साथी को जितवाने का कार्य करेंगे। शहर के सभी उपस्थित जनों ने बताया कि आज की सूचना हाईकमान तक पहुंचे ताकि हाईकमान स्थानीय उम्मीदवार को टिकट दे और उसे विजयी बनाया जा सके। यदि यहां से स्थानीय उम्मीदवार को टिकट नहीं दी जाती तो सभी की सहमति से निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में रणनीति के तहत उतारा जाएगा। सभी ने इस पर सहमति जताई।
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