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झारखंड में सरायकेला-खरसावां जिले के सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान भरने के बाद दो सीट वाले लापता विमान का अभी तक कोई पता नहीं चल सका है। ऐसा शक है कि विमान जमशेदपुर जिले के चांडिल बांध में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें एक पायलट और एक प्रशिक्षु पायलट सवार थे। हालांकि विमान का मलबा नहीं मिलने से इसके लापता होने को लेकर रहस्य बरकरार है।
उपायुक्त रविशंकर शुक्ला ने बुधवार को बताया कि सरायकेला-खरसावां जिला प्रशासन ने दो सीट वाले विमान का पता लगाने के लिए भारतीय नौसेना से मदद मांगी है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि जिला प्रशासन ने विशाखापत्तनम स्थित नौसेना की पूर्वी कमान के मुख्यालय से मदद मांगी है, जहां की एक टीम गुरुवार से तलाशी अभियान शुरू कर सकती है।
इससे पहले दिन में रांची से आई राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की छह सदस्यीय टीम ने चांडिल बांध में कई घंटों तक तलाशी अभियान चलाया लेकिन उसे कुछ भी हाथ नहीं लगा। उप-संभागीय पुलिस अधिकारी (चांडिल) सुनील कुमार राजवार ने बताया कि एनडीआरएफ खोजी दस्ते को एक जोड़ी जूते के अलावा कुछ नहीं मिला।
इससे रहस्य गहराता चला जा रहा है कि विमान गया कहां? पुलिस अधीक्षक (सरायकेला-खरसावां) मुकेश कुमार लुनायत ने बताया कि ग्रामीणों ने दावा किया है कि मंगलवार को एक विमान जलाशय में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पूर्वी सिंहभूम जिले के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने बताया कि सोनारी हवाई अड्डे के वायु यातायात नियंत्रक ने बताया कि विमान को अंतिम बार चांडिल अनुमंडल के नीमडीह के पास देखा गया था।
बताया जाता है कि यह विमान ‘सेसना 152’ था( यह उड़ान प्रशिक्षण संस्थान ‘अलकेमिस्ट एविएशन’ का प्लेन था। विमान ने मंगलवार को पूर्वाह्न करीब 11 बजे जमशेदपुर के सोनारी एयरपोर्ट से उड़ान भरी थी। विमान में एक पायलट और एक प्रशिक्षु पायलट सवार था। गौरतलब है कि विमान की दूसरे कई इलाकों में भी तलाश की जा चुकी है लेकिन अब तक कहीं से कुछ भी नहीं मिला है।
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