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Asteroid Apophis: एस्टेरॉइड एपोफिस धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है, जिसने वैज्ञानिकों के इंटरेस्ट को और भी ज्यादा बढ़ा दिया है. एपोफिस को तबाही का देवता कहा जाता है और यह 2019 में धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है. यानी कि 20.000 मील की दूरी से. पहली बार ऐसा देखने को मिलेगा की धरती के नजदीक से इतना बड़ा एस्टेरॉयड गुजरने जा रहा है.
यह स्टेरॉयड 13 अप्रैल 2029 को पूर्वी गोलार्ध से दिखाई देने वाला है. यूरोप, अफ्रीका और पश्चिम एशिया के कुछ हिस्सों से इसे देखा जा सकता है. इस एपोफिस को बिना दूरबीन से भी देखा जा सकता है. यह आकाश में एक चमकीली लकीर बनाकर दिखाई देगा जो की तेज रफ्तार से चलने वाले एक तारे जैसा होगा.
मिस्र के राक्षस के नाम पर रखा गया था इसका नाम
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार यह एपोफिस सौरमंडल का एक अवशेष है जो की साढ़े चार बिलियन वर्ष पहले मंगल और गुरु के बीच के शुद्र ग्रह बेल्ट में पनपा था. कहा जाता है कि यह एस्टेरॉयड बृहस्पति जैसे बड़े ग्रह के गुरुत्वाकर्षण से प्रभावित हुआ था. इसका नाम मिस्र के एक प्राचीन देवता के नाम से लिया गया है, जो शुद्र ग्रह की वजह से होने वाली तबाही के बारे में बताता है. एपोफिस स्टेरॉयड का नाम एक राक्षस सांप के नाम पर रखा गया है जो बुराई फैलता है.
क्या धरती को हो सकता है नुकसान?
यह एस्टेरॉयड वैसे तो धरती के एकदम करीब से गुजरेगा, लेकिन इससे पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. 2004 में जब इसकी खोज की गई थी तो इसे सबसे खतरनाक शुद्र ग्रह बताया गया था, लेकिन 2019 में इसके प्रभाव से किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा ना ही इसका पृथ्वी से टकराने के कोई चांसेस है. मगर यह एस्टेरॉयड धरती से टकराता है तो इसके परिणाम भयानक हो सकते हैं. यह विनाश लेकर आ सकता है. इस एस्टेरॉयड से होने वाली तबाही मुख्य स्थल से सैकड़ों किलोमीटर दूर तक फैलती है. इससे जो ऊर्जा पैदा होती है वह सैकड़ों परमाणु हथियारों के बराबर होती है.
कितना बड़ा है इसका आकार
एपिफोस के आकार की बात की जाए तो यह पांच फुटबॉल के मैदान के जितना बराबर है. वहीं रडार डेटा से यह भी जानकारी मिली है कि इस क्षुद्र ग्रह की बनावट एक मूंगफली के आकार जैसी है. यह पत्थर और लोहे के मिश्रण से बना हुआ है. नासा के साथ-साथ अन्य स्पेस एजेंसियां इस स्टेरॉयड को लेकर एक्टिव तौर पर काम कर रही है
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