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लोगों ने सरकार से संसद बिल लाने की मांग की।
करनाल में सुप्रीम कोर्ट के एससी/एसटी आरक्षण में क्रीमी लेयर लागू करने की इजाजत देने के खिलाफ आज भारत बंद का आह्वान किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने फैसले पर पुनर्विचार करके संसद के माध्यम से अनुसूचित जाति उप वर्गीकरण लागू करने की मांग की। वहीं इस दौरा
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करनाल के सदर बाजार से दलित संगठनों का विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ और जिला सचिवालय पर खत्म हुआ, जहां लोगों ने राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। दलित नेता जोगिंद्र रांवर के साथ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि कोटे में से कोटा देने के विरोध में दलित समाज सड़कों पर उतरा है। हम भाई भाईयों को ही आपस में लड़ाने का काम किया जा रहा है। हमारी सरकार से अपील है कि वह ऐसा न करे। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को ऐसा आदेश नहीं देना चाहिए था, क्योंकि जो संसद है वह कानून बनाती है और राष्ट्रपति के इसे लागू करता है।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति की 1,362 जातियां है। 1362 जातियों के अंदर आरक्षण ही देना है तो वह जनसंख्या के आधार पर दे। अगर चमार जाति 14 प्रतिशत है, तो 14 प्रतिशत राइट्स मिले, वाल्मीकि 10 प्रतिशत है तो 10 प्रतिशत का अधिकार मिले। धानक समाज 4 प्रतिशत है तो 4 प्रतिशत मिले और यह बात पूरे देश में लागू होनी चाहिए। जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी। सुप्रीम कोर्ट को जो फैसला आया है, उस पर दोबारा विचार किया जाए और संसद के अंदर स्पेशल सेशन बुलाकर विधेयक लाकर इस पर बहस करवाई जाए।
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