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– ईपीएफओ के मौजूदा सिस्टम की जगह नया 2.01 आईटी सिस्टम लाने की समय सीमा की गई तय – मौजूदा वक्त में ऐप और पोर्टल के जरिए ईपीएफओ की कई सेवाओं का लाभ उठाने में हो रही परेशानी
नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) से जुड़े लोगों की परेशानी को ध्यान में रखकर नया आईटी सिस्टम 2.01 लाने का फैसला लिया गया है। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के निर्देश पर तय किया गया है कि पोर्टल और ऐप से जुड़ी समस्याओं को हर हाल में तीन महीने के अंदर दूर किया जाएगा। नया सिस्टम आने के बाद पोर्टल पर लॉगिन करने से लेकर दावा करने और उनका निस्तारण करने की प्रक्रिया पहले से आसान हो जाएगी। इसके साथ ही नया सिस्टम आने पर नौकरी बदलने पर सदस्य आईडी (एमआईडी) के स्थानांतरण की आवश्यकता नहीं होगी।
मौजूदा ईपीएफओ पोर्टल को लेकर कई सारी समस्याएं आ रही हैं। इसको लेकर लोग सोशल मीडिया के जरिए भी लगातार शिकायतें कर रहे हैं। ईपीएफओ से जुड़े सदस्यों की शिकायत रही है कि पोर्टल पर एक बार लॉगिन नहीं होता है। अगर लॉगिन हो भी जाता है तो फिर से केवाईसी अपडेट मांगता है, जबकि केवाईसी अपडेट पहले भी कई बार किया जा चुका है। सबसे ज्यादा शिकायतें सर्वर के धीमा काम करने को लेकर है, जिसके चलते ईपीएफओ के सदस्य धनराशि निकालने के लिए दावा (क्लेम) भी नहीं कर पाते हैं। पास बुक निकालने और बैलेंस देखने की प्रक्रिया भी धीमी हो गई है। ईपीएफओ से जुड़ने वाले सदस्यों की संख्या लगातार बढ़ रही हैं, जिससे पोर्टल पर पंजीकृत होने वाले सदस्यों का डाटा लगातार फीड किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि मौजूदा वक्त में जिस आईटी सिस्टम पर ईपीएफओ का पोर्टल काम कर रहा है, उसकी क्षमता सीमित है। जैसे-जैसे सदस्यों की संख्या बढ़ रही है और उनका डाटा फीड हो रहा है तो उससे पोर्टल धीमा काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि बीते दिनों केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने ईपीएफओ पोर्टल को लेकर मिल रही शिकायतों को लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने निर्देश दिया कि नया आईटी सिस्टम कब तक लाया जाएगा। उसकी समय सीमा तय हो। अब मंत्री के निर्देश पर तीन महीने की समय सीमा तय की गई है।
मौजूदा सिस्टम की वजह से होने वाले परेशानी
– पोर्टल पर लॉगिन करने में समय अधिक लगता है।
– लॉगिन होने के बाद किसी भी तरह का दावा करने में लंबा समय लगता है।
– ईपीएफओ सदस्यों की तरफ से निकासी के लिए किए जाने वाले दावों का समय पर निस्तारण नहीं।
– कई बार पंजीकृत नंबर से मिस कॉल करने पर सदस्य को बैलेंस की जानकारी का मैसेज प्राप्त नहीं होता।
– केवाईसी अपडेट करने की प्रक्रिया पूरा करने में भी लोगों को परेशानी।
नए सिस्टम आने से क्या होगा सुधार
– खाते से धनराशि की निकासी से जुड़े दावे से लेकर निकासी तक की प्रक्रिया ऑटो प्रोसेसिंग मोड पर होगी।
– सभी पेंशनभोगियों को एक निर्धारित तिथि पर पेंशन जारी होगी।
– यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) आधारित ईपीएफओ बैलेंस देखने और पासबुक को निकालने की प्रक्रिया आसान होगी।
– पुनर्गठित इलेक्ट्रॉनिक चालान सह-रसीद (ईसीआर) व दावों का निपटारा केंद्रीकृत होगा।
– नौकरी बदलने पर सदस्य आईडी (एमआईडी) के स्थानांतरण की आवश्यकता नहीं होगी। पुराने संस्थान एवं कंपनी की जमा धनराशि यूएएन नंबर के आधार पर स्वयं नए नंबर पर ट्रांसफर हो जाएगी।
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