[ad_1]
आप नेता बीर सिंह राणा उर्फ बीरू सरपंच ने विधानसभा क्षेत्र की बहनों से बंधवाई राखी।
गुरुग्राम में चुनाव के ऐलान के बाद सियासी पारा अपने चरम पर है। बादशाहपुर विधानसभा में 10 दिन से राखी महोत्सव का दौर मंगलवार को थम गया है। इस महोत्सव के चलते आप नेता बीर सिंह राणा उर्फ बीरू सरपंच ने 11 अगस्त से गांवों और कालोनियों में 20-25 हजार महिला
.
बीरू सरपंच ने सभी का साथ देने का वादा किया, तो बहनों ने उन्हें चुनाव जीतने का आशीष दिया। भले ही महोत्सव चुनावी रंग वाला नजर आ रहा है, लेकिन इसने भाई-बहन के इस त्योहार को घर-घर पहुंचा दिया।
भैया मेरे, राखी के बंधन को निभाना, भैया मेरे, छोटी बहन को न भुलाना, बहना ने भाई की कलाई से प्यार बांधा है, धागों से बांधा कच्चे धागों का ये रिश्ता.. जैसे गीतों का शोर इस बार बादशाहपुर विधानसभा के गांव-गांव, कालोनी-कालोनी में गूंज रहा था। आप नेता बीर सिंह ने हर बार की तरह इस बार भी विधानसभा क्षेत्र में महिलाओं के लिए पहले
तीज पर्व से शुरू हुआ था महोत्सव
तीज पर्व से 10 दिन तक क्षेत्र के गांव-कालोनियों में महोत्सव का आयोजन हुआ, क्षेत्र की महिलाएं मंगल गीत गाते हुए बीरू सरपंच का तिलक कर कलाई में राखी बांध कर उन्हें जीत का आशीष देती नजर आई। वहीं बीरू सरपंच ने आयोजन में खाने-पीने से लेकर बहनों के लिए गिफ्ट का भी इंतजाम किया था। हिंदी गानों के बीच भाई-बहन के इस अनूठे पर्व की गूंज पूरी विधानसभा में गूंज रही थी।
आप नेता बीर सिंह राणा हाथ में बंधी राखियां दिखाते हुए।
सियासी महोत्सव में भाई-बहन के पर्व की रही गूंज
भले ही यह महोत्सव सियासी था लेकिन इसके माध्यम से क्षेत्र के घर-घर में भाई-बहन के इस पर्व की गूंज थी। दूसरे प्रदेशों से आई महिलाएं भी अपने घर-परिवार व भाई की अनुपस्थिति में बीरू सरपंच के महोत्सव में पर्व की खुमारी से सराबोर थीं। हालांकि बीरू सरपंच अपने सामाजिक न्याय संगठन के माध्यम से लोगों की समस्याएं दूर करने के अभियान में जुटे रहते हैं और उसी तर्ज पर इस प्रकार के सामाजिक प्रोग्राम भी आहूत कराते हैं।
चुनाव के चलते लोगों ने की धार्मिक यात्राएं
बीरू सरपंच ने क्षेत्र के हजारों लोगों को माता वैष्णो देवी, खाटू श्याम, हरिद्वार, सालासर, अजमेर दरगाह सहित अन्य धार्मिक स्थलों की यात्राएं करा सभी को अपना मुरीद बना लिया। उनकी पत्नी पिंकी राणा ने तो तीज महोत्सव में हजारों महिलाओं की भीड़ एकत्रित कर सभी सियासी दलों की नींद ही उड़ा दी। इसके बाद तो दूसरे दल के नेताओं ने भी इसी प्रकार के आयोजन करने की शुरूआत की।
चुनाव अवश्य लड़ेंगे, लेकिन सिंबल बहनें करेंगी तय
बीरू सरपंच ने बताया कि भले ही महोत्सव को सियासी चश्मों से देखा जा रहा है। लेकिन हम इस प्रकार के आयोजन हर साल करवाते हैं। मौसम सियासी है और यह भी तय है कि मैं विधानसभा चुनावी रण में बादशाहपुर से कुदूंगा। लेकिन सिंबल का फैसला यहां के लोग और हजारों मेरी बहनें तय करेंगी। मेरा चुनाव मैं नहीं बल्कि क्षेत्र के लोग लड़ रहे हैं।
[ad_2]
Source link