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एससी-एसटी का दूसरा वर्ग भारत बंद के खिलाफ है। मंगलवार को एससी-एसटी संघर्ष समिति राजस्थान के बैनर तले वाल्मीकि समाज, नट समाज, बावरी समाज, कालबेलिया, कंजर समाज, धानका समाज व सपेरा समाज समेत 30 जातियों के प्रतिनिधि जुलूस के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे और
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जबरन बंद कराया तो वाल्मीकि समाज रोकेगा
वाल्मीकि समाज विकास संस्था अध्यक्ष दीपक डंडोरिया ने कहा कि भारत बंद का वाल्मीकि समाज पूर्ण रूप से बहिष्कार करता है और यह मांग करता है कि इस फैसले को राजस्थान सरकार तुरंत प्रभाव से लागू करें, क्योंकि आरक्षण का बंटवारा ही समाधान है। अगर जबरन भारत बंद कराया गया तो वाल्मीकि समाज रोकेगा। हाईकोर्ट के अधिवक्ता रामधन सांसी ने सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत व आभार प्रकट करते हुए कहा कि वंचित तबके को कभी आगे बढ़ने व समान आरक्षण का लाभ नहीं मिला।
वाल्मीकि समाज के एडवोकेट महेंद्र सिंह चौहान ने कहा कि यह फैसला आरक्षण से वंचित समाज के हित का है। धानका समाज के सीताराम लुगरिया ने कहा कि यह फैसला सरकार को लागू करना चाहिए। नट समाज के प्रदेश अध्यक्ष मदनलाल राजवंशी ने इस निर्णय को समाज के हितों की रक्षा करने वाला बताया। इस दौरान समिति के प्रदेश संयोजक राकेश बिदावत, घनश्याम ग्वारिया, दिनेश सपेरा, काशीराम सांसी, कानाराम, नरेन्द्र, एससी-एसटी आरक्षण से वंचित जातियों के एडवोकेट सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे।
10 हजार से ज्यादा जाब्ता तैनात, सोशल मीडिया पर रहेगी नजर
जयपुर बंद के मद्देनजर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने सभी एसएचओ के लिए कानून-व्यवस्था के संबंध में एडवाइजरी जारी की है। उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करेंगे। बंद के दौरान किसी प्रकार की आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं होनी चाहिए। सोशल मीडिया पर निगरानी रखें और अफवाहों फैलाने वालों को तुरंत चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।
असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखेंगे
- सभी अधिकारी समय-समय पर अपने इलाके में स्थिति कंट्रोल रूम को बताएंगे।
- राजकीय, सार्वजनिक व निजी संपत्ति को किसी प्रकार का नुकसान न हो और फ्लैग मार्च में असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखेंगे।
- सभी एसएचओ और अन्य अधिकारी जाप्ते के साथ सुबह 7:30 बजे पॉइंटों पर तैनात हो जाएंगे। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त जाब्ता लगाया जा रहा है।
- एडिशनल कमिश्नर कैलाश विश्नोई सोशल मीडिया व आपराधिक गतिविधि, प्रीति चंद्रा यातायात व अन्य प्रबंधन कार्य, कुंवर राष्ट्रदीप कानून और अन्य व्यवस्था पर निगरानी रखेंगे।
- चारों डीसीपी अपने-अपने जिले में दस हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों के साथ तैनात रहेंगे।
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