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मंकीपॉक्स वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अलर्ट जारी कर दिया है। मंकीपॉक्स वायरस को वैश्विक आपदा घोषित किया गया है। अबतक अफ्रीका में ही ये बीमारी फैली हुई थी। भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इसका पहला मामला सामने आ गय
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स्वास्थ्य मंत्रालय ने अधिकारियों को बाहर से आने वाले यात्रियों में मंकीपॉक्स के लक्षणों को लेकर सतर्क रहने के लिए कहा है। बुधवार को जारी गाइडलाइन में सभी अस्पतालों में पर्याप्त व्यवस्थाएं रखने को कहा गया है। हालांकि भारत में अब तक एमपॉक्स से जुड़ा कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन इस वायरस से प्रभावित देशों से लौटे यात्रियों से संक्रमण के खतरे को देखते हुए यह दिशा निर्देश जारी किए गए है। मालूम हो कि अफ्रीका और स्वीडन के बाद एमपॉक्स कावायरस पाकिस्तान और पीओके तक पहुंच गया है। एक दिन पहले पीओके में भी इससे पीड़ित एक व्यक्ति की पहचान की गई। इसके साथ ही इस मौसम में स्वाइन फ्लू सहित अन्य सामान्य एन्फ्लूएंजा को लेकर भी तत्काल जांच और उपचार के निर्देश दिए गए हैं।
लक्षण मिलने पर ट्रैवल हिस्ट्री की होगी जांच गाइडलाइन के मुताबिक किसी व्यक्ति को एम पॉक्स के लक्षण हैं तो उसकी ट्रेवल हिस्ट्री की जांच की जाएगी । अगर व्यक्ति एमपॉक्स प्रभावित देशों से लौटा है तो उसे तत्काल आइसोलेट किया जाए। इसके साथ ही दसके संपर्क में आए सभी लोगों की निगरानी, संदिग्ध मरीज की जांच और उपचार के निर्देश दिए गए हैं।
यह दिए निर्देश
- विदेश से लौटे यात्रियों को बीमार लोगों के संपर्क में आने से बचना होगा।
- उन्हें जिंदा या मृत जंगली जानवरों और चूहे, गिलहरी, बंदरों के संपर्क में आने से बचना होगा।
- यात्रियों को जंगली जानवरों का मीट न खाने और अफ्रीका के जानवरों से बनी क्रीम, लोशन और पाउडर जैसी चीजों का इस्तेमाल न करने की सलाह दी गई है।
- बीमार लोगों या संक्रमित जानवरों के संपर्क में आए बिस्तर व कपड़ों से दूर रहना होगा।
यह हैं संदिग्ध मरीज
वे लोग जो पिछले 21 दिनों में मंकीपॉक्स से ग्रस्त देशों की यात्रा कर लौटे हैं और उनमें बीमारी के लक्षण हैं, उन्हें संदिग्ध मरीजों की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। लक्षणों में शरीर पर मवाद से भरे दाने, तेज बुखार, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और सूजी हुई लिंफ नोड्स शामिल हैं। संदिग्ध मरीज किसी भी उम्र या जेंडर का हो सकता है। वहीं जां व्यक्ति जो संदिग्ध मरीज के संपर्क में आया हो या संक्रमित मरीज की छुई हुई चीजों या उसके फिजिकल कॉन्टैक्ट में आया हो, वह मंकीपॉक्स का संभावित मरीज हो सकता है। सरकार के अनुसार, ऐसे लोगों पर संपर्क में आने के अगले 21 दिन नजर रखी जाएगी।
क्या है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स बीमारी एक ऐसे वायरस के कारण होती है, जो स्मॉल पॉक्स यानी चेचक के वायरस के परिवार का ही सदस्य है। मंकीपॉक्स 1958 में पहली बार एक बंदर में पाया गया था, जिसके बाद 1970 में यह 10 अफ्रीकी देशों में फैल गया था। 2022 में हुए आउटब्रेक में इसका सबसे पहला केस ब्रिटेन में 6 मई को पाया गया, जिसके बाद देखते ही देखते इसका संक्रमण 70 से ज्यादा देशों में फैल गया।
अभी तक कोई संदिग्ध नहीं
अभी तक यहां कोई संदिग्ध मरीज नहीं मिला है लेकिन एतिहातन बाहर से आने वाले मरीजों पर नजर रखने के निर्देश जारी किए गए है। अगर कोई व्यक्ति प्रभावित देशों की यात्रा कर लौटता है और उसे एमपॉक्स से जुड़े कोई लक्षण हैं तो उसे तत्काल आइसोलेट किया जाएगा।
डॉ. प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ
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