[ad_1]
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को इस मानसून सीजन में नागरिक सेवाओं और सार्वजनिक ढांचे में लगातार सामने आ रही कमियों पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने बुनियादी ढांचे के पूरी तरह ध्वस्त हो जाने की वजह से हुई मौतों के बाद वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किए गए निरीक्षणों पर मासिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। उपराज्यपाल ने सभी विभागाध्यक्षों, सचिवों और जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वह धरातल पर उतरकर इन सेवाओं की खामियों का नियमित निरीक्षण करें, लेकिन काम शुरू करने से पहले और उसके बाद की तस्वीरों को अवश्य लिया जाए, ताकि पता चल सके कि काम कितना हुआ है।
दिल्ली के उपराज्यपाल की ओर से मुख्य सचिव को भेजे पत्र में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि मानसून के सीजन में तमाम ढांचे और सार्वजनिक सेवाएं ध्वस्त हो गई हैं। इसके चलते कई जगहों पर दुर्भाग्यपूर्ण हादसे हुए और लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। दिल्ली में वर्षों से चल रही लापरवाही के चलते ही नालों की सफाई नहीं हुई और योजनाबद्ध तरीके से बसाई गई कॉलोनियों में भी सीवर जाम होने और जलभराव की समस्याओं का लोग सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए जरूरी है कि विभागों के उच्च अधिकारी भी मौके का लगातार निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि अधिकारी अगर कहीं भी किसी नियम का उल्लंघन देखते हैं तो उस पर तीन सप्ताह के अंदर रिपोर्ट दाखिल करें।
हर सप्ताह रिपोर्ट मांगी
उपराज्यपाल ने कहा है कि विभागों के अध्यक्ष, प्रमुख सचिव, अतिरिक्त सचिव आदि मौके पर जाकर नियमित निरीक्षण करें और वहां की स्थिति पर मुख्य सचिव, उपराज्यपाल और विभाग के मंत्री को रिपोर्ट दें। इस रिपोर्ट के साथ मौके की तस्वीर और बाद में वहां पर होने वाले सुधार की तस्वीर भी होनी चाहिए, ताकि पता चल सके कि निरीक्षण के बाद क्या सुधार आया। उन्होंने विभागों के सचिव और और प्रमुख सचिव को हर पखवाड़े और विभागों के अध्यक्ष को हर सप्ताह निरीक्षण करने के निर्देश दिए।
हफ्ते में दो बार दौरा करेंगे
एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि जिलाधिकारी, एसडीएम और एडीएम द्वारा सप्ताह में दो बार दौरा किया जाना चाहिए। इस दौरान खासतौर पर सड़क, नाला, सीवर सिस्टम, शिक्षा और परिवहन जैसी सेवाओं की स्थिति देखी जानी चाहिए।
[ad_2]
Source link