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कोलकाता, एजेंसियां। पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी और निजी क्षेत्रों में रात्रि पाली में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सोमवार को ‘रतिअर साथी – हेल्पर्स ऑफ द नाइट’ नामक एक प्रमुख कार्यक्रम शुरू किया। इसके साथ ही कई अन्य सुरक्षा उपाय शुरू किए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि नए दिशा-निर्देश मेडिकल कॉलेजों, अस्पतालों और छात्रावासों में लागू किए जाएंगे, जहां पहले से ही ऐसे प्रावधान नहीं हैं। इन दिशा-निर्देशों के तहत महिलाओं के लिए शौचालयों के साथ अलग से नामित शौचालय स्थापित किए जाएंगे और रात की पाली के दौरान महिला स्वयंसेवकों को ड्यूटी पर लगाया जाएगा।
इसमें कहा गया है, महिलाओं के लिए पूरी सीसीटीवी कवरेज के साथ सुरक्षित क्षेत्र होंगे। अलार्म उपकरणों के साथ एक विशेष मोबाइल फोन ऐप विकसित किया जाएगा, जिसे सभी कामकाजी महिलाओं द्वारा अनिवार्य रूप से डाउनलोड किया जाएगा और जो स्थानीय पुलिस स्टेशनों/पुलिस नियंत्रण कक्ष से जुड़ा होगा। आदेश में कहा गया है कि आपातकालीन स्थितियों के लिए हेल्पलाइन नंबर 100 और 112 का व्यापक रूप से उपयोग किया जाना चाहिए। सुरक्षित कार्य स्थितियों को सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से सुरक्षा जांच और श्वास परीक्षण किए जाएंगे।
सभी संगठनों को यौन उत्पीड़न के मुद्दों से अवगत कराने के लिए विशाखा समितियों की स्थापना करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा, यदि ऐसी समितियां पहले से मौजूद नहीं हैं। संगठनों को काम के कार्यक्रम की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है ताकि महिलाएं रात की शिफ्ट के दौरान जोड़े या टीमों में काम करें, जिससे एक-दूसरे की गतिविधियों के बारे में जागरूकता सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। निजी संस्थानों को भी ‘रतिअर साथी’ कार्यक्रम को लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इसमें कहा गया है, ‘महिलाओं का कार्य समय एक बार में 12 घंटे से अधिक नहीं होना चाहिए। जहां तक संभव हो, महिलाओं को रात्रि ड्यूटी से बचाया जाना चाहिए।
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