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पाली के लाखोटिया गार्डन के रंगमंच पर आयोजित एक शाम लाखोटिया महादेव के नाम भजन संध्या में भजन की पेश करती आशा खरवाल।
पाली के लाखोटिया महादेव मेला मंडल सेवा समिति के बैनर तले सावन के आखिरी सोमवार को राष्ट्रीय स्तरीय भजन संध्या एक शाम लाखोटिया महादेव के नाम का आयोजन किया गया। देशभर से आए भजन गायकों ने लाखोटिया के रंगमंच पर अपनी प्रस्तुतियां देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्
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भजन संध्या में दीप प्रज्वलित करते अतिथि।
इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया। उसके बाद भजन गायक अशोक झुरिया ने गणपति वंदना की प्रस्तुति दी। इसी क्रम में दुर्गेश मारवाड़ी ने गुरु वंदना, राकेश प्रजापति ने शिव वंदना और घनश्याम राही ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। उसके बाद भजन संध्या की प्रतियोगिता शुरू हुई। जिसमें देश भर से आए एक से बढ़कर एक भजन गायकों ने अपनी मधूर आवाज में भगवान भोलेनाथ की स्तुति में भजनों की प्रस्तुति दी।
भजन संध्या में मौजूद अतिथि और शहरवासी।
इन भजनों पर झूमे श्रोता
गणेश आवरीमाता ने मेरे शंकरा भोलेनाथ…, शक्ति रावत ने एसी लागी लगन मीरां….,मनीषा कुमावत ने खोल भरम रो…, यशपाल ने डूंगर ऊपर डूंगरी…, अक्षिता सिंह उज्जैन ने तुम से मेरी लगन लगी…, प्रगति सोजत ने राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी, ललित ने अजब है तेरी माया…, सुरेश ने राग दरबारी गाया…। इसी क्रम में सीता माली ने रंग लागो जी माने कोड लागो…, देवेन्द्र ने भोलेनाथ तू करीब है भक्तों के.. जैसे भजन गाए।
भजन संध्या में रह रहेंगे अतिथि
भजन संध्या में संत सुरजनदास, संत प्रेमानंद, राजेंद्र भंडारी सहित कई संतों का सान्निध्य रहा। इसके साथ ही अतिथि के रूप में संत सुरजन दास, विधायक भीमराज भाटी, पूर्व सभापति प्रदीप हिंगड, समाजसेवी प्रकाश बंजारा सहित कई जने मौजूद रहे।
समिति के पदाधिकारी जुटे व्यवस्था में
भजन संध्या के दौरान लाखोटिया महादेव मेला मंडल सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष नेमीचंद देवड़ा, मेला संयोजक राकेश भाटी, कोषाध्यक्ष रमेशसिंह कर्णावत, मेला संयोजक माणकचंद पंवार, लक्ष्मण पंवार, ललित पंवार, बाबूलाल बोराणा अनिल गुप्ता, मानसिंह धुन्धियाड़ी, दलपतसिंह राजपुरोहित, गोविंदसिंह राजपुरोहित, आनंद सोलंकी आदि जुटे नजर आए।
लाखोटिया में भरा मेला
शाम को लाखोटिया गार्डन में मेला भरा। लोगों ने लाखोटिया महादेव के दर्शन कर खुशहाली की कामना की। यहा लगे विभिन्न तरह के झूले बच्चे झूलते नजर आए। कई शहरवासी यहां विभिन्न तरह के व्यंजनों का स्वाद चखते दिखे। आलम यह था कि यहां पैर रखने जितनी जगह नजर नहीं आ रही थी। सुरक्षा को लेकर यहां जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात नजर आए।
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