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दिल्ली के अशोक विहार इलाके में घर से लापता एक सात साल के बच्चे की खुले नाले में गिरकर मौत हो गई। बच्चे की लाश रविवार रात को नाले से बरामद की गई। मृतक बच्चे की पहचान प्रिंस के तौर पर हुई है। पुलिस की प्राथमिक जांच के अनुसार, बच्चे की नाले में डूबने से मौत हुई है। इस घटना के बाद सियासी माहौल गर्म है। भाजपा ने इस घटना के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि यह हादसा सरकार की लापरवाही के चलते हुआ है। डीएसआईडीसी और दिल्ली नगर निगम इस मामले में जिम्मेदार हैं। सचदेवा ने कहा कि इस वर्ष मानसून के दौरान जलजमाव और ओवरफ्लो नालों में डूबने की अप्रत्याशित रूप से अधिक दुर्घटनाएं देखी जा रही हैं। ऐसे मामलों में सरकार के मंत्री और विधायक कोई भी जिम्मेदारी लेने के बजाय अधिकारियों पर डाल देते हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, पीड़ित सुरेश अपने परिवार के साथ शहीद सुखदेव कालोनी में रहते हैं। परिवार में पत्नी जानकी के अलावा बेटी खुशी और बेटा प्रिंस था। सुरेश वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया में काम करते हैं और पत्नी घर संभालती हैं। प्रिंस रविवार सुबह घर से खेलने के लिए निकला, लेकिन वापस नहीं लौटा। तलाश करने के बाद कोई सुराग नहीं मिला तो परिजनों ने अशोक विहार थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
पुलिस ने अपहरण की धारा में केस दर्ज कर आसपास तलाश शुरू की। इस बीच पुलिस और स्थानीय लोगों ने नाले में तलाशी अभियान चलाया तो बच्चे का पैर दिखाई दिया। इसके बाद शव को बाहर निकाला, जिसकी पहचान प्रिंस के तौर पर हुई। पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्राथमिक जांच में बच्चे के खेलने के दौरान डूबने की आशंका है। मृतक की मां जानकी का कहना है कि यदि नाला ढका होता तो यह हादसा नहीं होता।
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