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बीते चार दिनों से अटकलें लगाई जा रही हैं कि चंपाई सोरेन जेएमएम छोड़कर भाजपा में जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की झारखंड इकाई के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोमवार को कहा कि चंपई सोरेन के भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं को लेकर उनके साथ अभी कोई बातचीत नहीं हुई है। मरांडी ने कहा कि चंपई एक मंझे हुए नेता हैं और वह अपनी आगे की राह के बारे में निर्णय खुद लेंगे।
भाजपा में शामिल होने की अटकलों के बीच चंपई रविवार दोपहर दिल्ली पहुंचे थे। बाद में उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा था कि बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने अत्यधिक अपमान झेला, जिसके बाद वह वैकल्पिक राह तलाशने के लिए मजबूर हो गए। मरांडी ने कहा कि चंपई सोरेन से अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है। वह एक मंझे हुए नेता हैं और झारखंड राज्य के गठन के लिए चलाये गए आंदोलन का हिस्सा रह चुके हैं। वह अपनी आगे की राह के बारे में निर्णय खुद लेंगे।
चंपई के सोशल मीडिया पोस्ट का जिक्र करते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इससे संकेत मिलता है कि वह बहुत आहत हैं। जिस तरह से मुख्यमंत्री पद से हटाया गया, उससे उन्होंने काफी अपमानित महसूस किया। चंपई ने पोस्ट में बताया कि तीन जुलाई को पार्टी विधायकों की बैठक में उनसे इस्तीफा देने को कहा गया। उन्होंने कहा कि वह इस निर्देश से आहत थे, क्योंकि उनके आत्मसम्मान को ठेस पहुंची थी।
पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, उन्होंने बैठक में घोषणा की कि आज से मेरे जीवन का एक नया अध्याय शुरू होगा। उन्होंने कहा कि उनके पास तीन विकल्प हैं, पहला-राजनीति से संन्यास ले लें, दूसरा-एक नयी पार्टी बनाएं और तीसरा-कोई सहयोगी मिले तो उसका दामन थाम लें। चंपई ने कहा कि उस दिन से लेकर अब तक और आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव तक, इस यात्रा में मेरे लिए सभी विकल्प खुले हैं।
भाजपा द्वारा विधायकों की खरीद-फरोख्त करने संबंधी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आरोपों पर मरांडी ने कहा कि इसका मतलब यह है कि वह (हेमंत) कह रहे हैं कि उनके विधायक बिकाऊ हैं। यदि आप (हेमंत) सभी विधायकों को बिकाऊ कहेंगे, तो कौन आपके साथ रहना चाहेगा। अगर कोई विधायक अपना दुख व्यक्त करता है, तो आपको उसकी बात सुननी चाहिए।
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