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किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट (फाइल फोटो)
किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) वर्ष 2016 जुलाई से आरंभ हुई जिसे अब 6 वर्ष का समय हो चुका है। इस योजना की मार्गदर्शिका के अनुसार प्रीमियम की राशि किसानों के बैंक खातों से उनके बिना स
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उन्होंने कहा कि इस योजना को उत्तरदायी व पारदर्शी बनाने के लिए प्रीमियम की रसीद देने और बीमा पॉलिसी की प्रति उपलब्ध कराने की निरंतर मांग की जा रही है। संसद में वर्ष 2018 से लेकर 2022 तक सरकारों की ओर से लिखित उत्तर में बताई स्थिति धरातल पर अभी तक भी नहीं उतरी है। संसद में दिया गया वक्तव्य और स्थिति में जमीन आसमान जैसा अंतर है। यह स्थिति तो तब है जब उच्चतम न्यायालय ने जानकारी के अधिकार को प्रभावी बनाने के निर्देश दिए हुए हैं। इस कारण जिन किसानों का प्रीमियम काटा जाता है उनको फसल खराब होने के उपरांत भी क्लेम नहीं मिल पाता और क्लेम के अधिकार की मांग करते-करते उनकी जूतियां टूट जाती है। कृषि क्षेत्र सर्वाधिक जोखिम भरा है इसी कारण किसानों की आय को स्थिर करने का प्रयोजन विफल हुआ है।
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