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जैसलमेर। चारों तरफ पानी से घिरा सम गांव।
जैसलमेर का सम इलाका इन दिनों बारिश के पानी से घिरा है। जिस इलाके को रेगिस्तानी इलाका और रेत के टीलों के इलाके के नाम से जाना जाता है वहां आज चारों तरफ पानी ही पानी आ गया है। यहां तक कि भारत-पाकिस्तान सीमा के 80 गांवों का संपर्क सम गांव से टूट गया हैं
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सम गांव की मुख्य सड़क का ड्रोन व्यू।
50 साल पहले भी 8 फीट पानी भर गया था
सम गांव के लोगों का कहना है कि ऐसे हालात आज से करीब 50 साल पहले देखे थे, तब 8 फीट पानी आया था। अब वही हालत आंखों के सामने है। जहां तक नजर जाती है वहां पानी ही पानी नजर आता है।
प्रशासन ने भी एहतियात के तौर पर पानी से घिरे घरों से लोगों को दूसरी जगह शिफ्ट किया है। साथ ही बाकी लोगों को भी सेफ जगह जाने की सलाह दी है ताकि मकान आदि गिरने पर कोई अनहोनी ना हो।
मेघवालों की बस्ती में पानी में डूबे कच्चे घर।
ज्यादा बारिश होने से बिगड़े हालात
दरअसल, जैसलमेर के सम इलाके में इस सीजन में सबसे ज्यादा बारिश होने के बाद हालत ज्यादा बिगड़ गए। हाल ही में हुई बारिश से सम गांव चारों तरफ पानी से घिर गया और पूरा गांव एक टापू बन गया है।
इसके साथ ही आसपास के कई इलाकों का पानी भी आ गया है। बीदा, निम्बा, गांगा, सगरों की बस्ती, मेणुओं की बस्ती व मतुओं की बस्ती का पानी भी बहकर सम इलाके में पहुंच गया। सम स्थित बिजलीघर में पानी का भराव हो गया है। वहीं मेघवालों की बस्ती पूरी तरह से पानी से घिर चुकी है। जिससे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कलेक्टर प्रताप सिंह व एडीएम मुन्निराम बागड़िया ने ट्रैक्टर की मदद से हालातों का जायजा लिया।
कलेक्टर, एडीएम ने ट्रैक्टर से किया दौरा
सम गांव में लगातार बारिश के बाद बने बाढ़ के हालातों के बाद कलेक्टर प्रताप सिंह व एडीएम मुन्निराम बागड़िया ने सम इलाके का दौरा किया। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने ट्रैक्टर की मदद से इलाके का दौरा किया और हालातों को धरातल पर जाकर देखा। कलेक्टर प्रताप सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक लेकर पानी की निकासी के बेहतर प्रयास और जल्द से जल्द प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। ताकि जल्द से जल्द लोगों को राहत मिल सके।
सम गांव में आने-जाने के लिए ट्रैक्टर की मदद लेते लोग और पैदल पानी को पार करता युवक।
सम से कई गांवों का संपर्क कटा
सम इलाके में भारी बारिश से कई गांवों से संपर्क कट गया है। सम-धनाना, सम-बीदा व सम-लुगों की बस्ती सड़क मार्ग टूट गया है। इन सड़क मार्गों पर 4 से 5 फीट पानी चल रहा है। वहां से कोई भी लोग सम नहीं आ सकते हैं। आसपास की बस्तियों को भी अगर सम गांव आना है तो उनको ट्रैक्टर आदि की मदद से पानी का रास्ता पार करना पड़ेगा जो खतरे से खाली नहीं है।
सम गांव में पानी आने से ट्रैक्टर भी डूबा।
25 घरों के लोगों ने घर छोड़ा
सम गांव में मेघवालों की बस्ती में करीब 350 मकान है, जो पानी से घिर चुके है। इस इलाके में 4 से 5 फीट पानी का भराव हो गया है। इस इलाके के लोग पानी आने के बाद अपने घरों को छोड़कर अन्य मकानों या रिश्तेदार के घरों में अन्य जगह चले गए हैं। बाकी लोगों को भी यहां से चले जाने के लिए प्रशासन ने निर्देश दिए हैं ताकि कोई अनहोनी नहीं हो।
इसके साथ ही सम गांव के जीएसएस, स्कूल व मुख्य बाजार में भी पानी का भराव हो गया है। जिससे कई दिनों से सम इलाके में बिजली गुल है। अब जब तक पानी की निकासी नहीं होगी तब तक बिजली भी शुरू नहीं होगी।
सम गांव की मुख्य बाजार में पानी आने के बाद चर्चा करते लोग।
पानी की निकासी का काम बना बड़ी चुनौती
ग्रामीण जानब खान, गुलाम कादर व करीम खान आदि का कहना है कि इस इलाके से पानी की निकासी बहुत ही मुश्किल है। अगर बोरवेल करके पानी को जमीन में ही डाला जाए तो ही कुछ हो सकता है। क्योंकि चारों तरफ पानी ही पानी है ऐसे में पानी की निकासी होगी कहां। अब प्रशासन के लिए इस इलाके से पानी की निकासी का काम एक बड़ी चुनौती बन गया है। लोगों ने बताया कि हमने अपनी जिंदगी में इतना पानी कभी नहीं देखा। चारों तरफ पानी से घिरे लोगों को अब राहत मिलती नजर ही नहीं आ रही है।
सम में अनुमान से ज्यादा 260MM पानी बरसा
रेगिस्तानी इलाके में जहां लोग सालों बारिश के लिए तरसते हैं। वहां चारों तरफ समंदर ही समंदर नजर आने लग गया है। जैसलमेर जैसे सूखे इलाके में बारिश होने से एक ओर जहां लोग खुश है, वहीं भारी बारिश के बाद से हुए बाढ़ के हालातों से लोग दुखी है। कृषि मौसम वैज्ञानिक अतुल गालव के अनुसार सम इलाके में इस सीजन में करीब 260 एमएम पानी बरसा है जो अनुमान से कहीं ज्यादा है। बार-बार बदलते पर्यावरण और मौसम के कारण ऐसा हो रहा है। इस बार पानी की आवक ज्यादा ही हुई है, इस वजह से बाढ़ के हालात हुए हैं।
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