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Ismail Haniyeh Death: हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनिया की तेहरान में हुई हत्या के मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है. हनिया के बेटे ने अपने पिता की हुई मौत पर बड़ा खुलासा किया है. बेटे अब्दुस्सलाम हनिया ने सऊदी अरब के सरकारी मीडिया आउटलेट अल अरबिया से बातचीत में शुक्रवार को कहा कि गाइडेड मिसाइल फोन से कनेक्ट थी और वग फोन को ही ट्रैक कर रही थी. हनिया के बेटे ने बताया कि मिसाइल उनके पिता के सिर के पास रखे फोन को निशाना बनाया और विस्फोट कर गई.
दरअसल, ईरान की राजधानी तेहरान में 31 जुलाई को हमास प्रमुख इस्माइल हनिया की हत्या कर दी गई थी. हनिया ईरान के नए राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने पहुंचे थे. कार्यक्रम में भाग लेने के बाद हनिया ईरानी सेना के एक अति सुरक्षित कैंपस में ठहरे थे. रात में सोते समय हनिया निशाना बनाया गया. ईरान हनिया की हत्या का आरोप इजरायल पर लगाया है और बदला लेने की कसम खाई है.
कमरे में विस्फोटक रखने की कहानी गलत- अब्दुस्सलाम
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया था कि हनिया के कमरे में पहले से ही विस्फोटक रखा गया था. यह बम हनिया के पहुंचने से दो महीने पहले ही उनके कमरे में रखा गया था. इस रिपोर्ट को सूत्रों के हवाले से बताया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि विस्फोटक अत्याधुनिक रिमोट तकनीक से कंट्रोल था. इसी तरीके का इस्तेमाल ईरान के परमामाणु कार्यक्रम के प्रमुख वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजादेह की हत्या में भी किया गया था. फिलहाल, हनिया के बेटे अब्दुस्स्लाम ने न्यूयॉर्क टाइम्स की इस थियरी को सिरे से नकार दिया है.
हनिया के बेटे ने पिता की मौत पर क्या कहा?
अब्दुस्सलाम ने अल अरबिया को बताया कि मुझे लगता है कि विस्फोटक उपकरण की कहानी पूरी तरह से बेबुनियाद है. उन्होंने कहा कि हनिया के कमरे से कुछ मीटर की दूरी पर उनके अंगरक्षक और कुछ सलाहकार थे. यह साफ है कि कोई विस्फोटक होता तो पूरी जगह ही उड़ जाती. अब्दुस्सलाम ने कहा कि यह एक गाइडेड मिसाइल थी जो उनके पिता के फोन से कनेक्ट थी. उन्होंने रात को सोते समय अपना फोन सिर के पास रखा था, जिसे मिसाइल ने टारगेट किया.
अमेरिकी मदद से हनिया की हुई हत्या?
हनिया के बेटे ने कहा कि उनके पिता ईरान फोन का अधिक इस्तेमाल कर रहे थे, घटना वाले दिन भी रात को 10 बजकर 15 मिनट तक फोन का इस्तेमाल किए थे. अब्दुस्सलाम ने कहा कि मेरि पिता आधिकारिक समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे और लगातार फोन का इस्तेमाल कर रहे थे, ऐसे में वह आसान टारगेट बन गए थे. उन्होंने कहा कि उनको आशंका है कि यह ऑपरेशन अमेरिका की मदद से अंजाम दिया गया.
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