अभिषेक शर्मा ( संवाददाता डाला)
डाला –नवसृजित तहसील ओबरा का स्थाई भवन निर्माण जनहित में स्टेट हाईवे के नजदीक पूर्व प्रस्तावित स्थल पर कराए जाने को लेकर ओबरा एक कार्यक्रम में पहुंचे उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष डॉ रजनीश दुबे को ज्ञापन सौंपा गया।
उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष को ज्ञापान के माध्यम से अवगत कराया गया कि नवसृजित तहसील ओबरा सोनभद्र के वावत आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश के पत्रक- 807/12-भवन 206/2023 के सम्बंध में दी गई जिला स्तरीय समिति द्वारा भेजे गये रिपोर्ट में पूर्व में प्रस्तावित स्थाई तहसील निर्माण के वावत यह कहा गया है कि प्रस्तावित स्थल आ0 से0 596, 601-602, 603 आदि मुख्य मार्ग के सम्पर्क में नहीं है ऐसा नही है। उक्त आ० सेo पूर्णतया मुख्य मार्ग से 250-300 मी० की दुरी पर है एवं रास्ता राजाच नक़्शे में देखा जा सकता है।
एवं समस्त नागरिग सुविधाए यहाँ उपलब्ध है।
वर्तमान समय में जो स्थल प्रस्तावित है जो स्टेट हाईवे से 8.KM दूरी पर है एवं बन्द सड़क पर है। जो आम जनमानस की दृष्टि से उचित नहीं है, ओबरा तहसील क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण आदिवासियों को आने जाने की सुविधा को देखते हुए आम जनमानस को असुविधा न हो पूर्व मे नवसृजित तहातील बनाने का निर्णय हुआ था वह उचित था तहसील क्षेत्र की 80% जनता के हित मे था कुछ तथाकथित अधिवक्ताओ के दबाव में वर्तमान में तहसील हेतु भेजा गया प्रस्ताव है, जो जनमान के हित में नहीं है। उक्त सभी प्रस्ताओ की जाँच कर जहाँ भी जनमानस का हित हो वही तहसील भवन बनाया जावें। तहसील ओबरा में 67 ग्राम सभा रा0 गंज विधान सभा की है एवं 38 ग्राम सभा ओबरा तहसील कि है एवं 5 ग्राम सभा घोरावल तहसील के है। सबसे ज्यादा राजस्व ग्राम रा0 गंज के है अतः विधान सभा स्तर पर चयन किया जाना सर्वथा गलत रिपोर्ट होगी – जन सुविधा एवं जनमानस कि आने जाने वाली सुविधाओं को देखते हुए स्टेट हाईवे पर ही तहसील निर्माण कराया जाना न्याय हित में है ।
जांच कराकर सही स्थान का चयन कराते हुए नवसृजीत तहसील का स्थाई भवन निर्माण कराया जाने को लेकर ज्ञापन सौंपा गया और राजस्व अध्यक्ष को ज्ञापन देने वालों ने बताया कि जनहित में स्टेट हाईवे के पास पूर्व प्रस्तावित स्थल पर तहसील भवन निर्माण को लेकर उच्च न्यायालय पी आई एल भी दाखिल किया गया है । मामला अभी उच्च न्यायालय विचाराधीन है ,अध्यक्ष से तहसील भवन निर्माण के लिए पुनः विचार के लिए निवेदन किया गया ।इस दौरान भैरव जायसवाल राजेश्वर लाल श्रीवास्तव सुगनी प्रसाद नवनिर्माण सेना की टीम व अध्यक्ष अंशु पटेल आदि लोग मौजूद रहे ।