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कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर से दरिंदगी के खिलाफ झारखंड समेत देशभर के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी शनिवार को हड़ताल पर रहे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के आह्वान पर सुबह छह बजे से शुरू हुई 24 घंटे की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह चरमरा गईं। राज्य के सरकारी अस्पतालों के साथ-साथ निजी अस्पतालों में भी इलाज ठप रहा। संकट में फंसे मरीज और परिजन अस्पतालों के चक्कर काटते रहे। हालांकि आपातकाल सेवा जारी थी, फिर भी मरीजों का काफी परेशानियां उठानी पड़ीं। पूरे राज्य में 32 हजार से अधिक मरीजों को ओपीडी में इलाज नहीं मिल सका।
आईएमए के अनुसार, राज्यभर में 16000 डॉक्टर और 5000 मेडिकल छात्र हड़ताल पर रहे। वहीं 10000 से अधिक पारामेडिक, फिजियोथेरेपिस्ट, आयुष डॉक्टर, डेंटल डॉक्टरों ने भी सहयोग दिया। राज्य भर में कहीं से भी इमरजेंसी सेवा बाधित होने की सूचना नहीं है। हर जगह सुचारू रूप से इमरजेंसी सेवा बहाल रखी गयी है।
आईएमए झारखंड के सचिन डॉक्टर प्रदीप सिंह ने बताया, झारखंड के चिकित्सकों की कार्यस्थल पर सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू किया जाए। जब तक डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी भयग्रस्त रहेंगे, मरीजों को समुचित उपचार नहीं दे सकते। देश के 23 राज्यों की तरह झारखंड में भी यह एक्ट लागू करना जरूरी है।
राज्य में 300 से अधिक बड़े ऑपरेशन टले
चिकित्सा सेवा बहिष्कार के कारण सर्जरी का इंतजार कर रहे मरीजों को काफी परेशानी हुई। राज्यभर के अस्पतालों में पहले से तय 300 से अधिक बड़े ऑपरेशन शनिवार को नहीं हो सके। रिम्स के सर्जरी एचओडी डॉ शीतल मलुआ ने बताया कि रिम्स में लगभग आधा दर्जन इमरजेंसी सर्जरी तो की गई, लेकिन 20 मेजर सर्जरी टाल दी गई। वहीं सरकारी और निजी रेडियोलॉजिकल एवं पैथोलॉजिकल सेंटर्स भी बंद रहे। सामान्य मरीजों के खून जांच, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, सीटी स्कैन भी नहीं हुए।
डॉक्टर काम पर लौटें, सरकार सुरक्षा देगी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोलकाता की घटना की निंदा करते हुए राज्य के सभी डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की है। उन्होंने कहा कि मरीजों का इलाज भी अत्यंत जरूरी है। ऐसे में हड़ताल कर रहे सभी डॉक्टर मरीजों को स्वस्थ बनाने में अपना सार्थक सहयोग करें। सरकार सुरक्षा देगी। सीएम ने इस बारे में उन्होंने डीजीपी को राज्य के अस्पतालों में काम करने वाले सभी डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा की दिशा में कड़े से कड़ा कदम उठाने का निर्देश दिया है।
उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल की सरकार और केंद्र सरकार की जांच एजेंसियां घटना के दोषियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए प्रत्यनशील हैं। उम्मीद है कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।
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