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जयपुर के पेशे से कॉन्ट्रेक्टर पुष्पेन्द्र उपाध्याय के 31 पेन्टिंगनुमा फोटोग्राफ्स की एक दस दिवसीय एग्जीबिशन जवाहर कला केन्द्र की पारिजात कला दीर्घा में शुरू हुई।
जयपुर के पेशे से कॉन्ट्रेक्टर पुष्पेन्द्र उपाध्याय के 31 पेन्टिंगनुमा फोटोग्राफ्स की एक दस दिवसीय एग्जीबिशन जवाहर कला केन्द्र की पारिजात कला दीर्घा में शुरू हुई। इस एग्जीबिशन की खासियत ये है कि यहां प्रदर्शित सभी कलाकृतियां मूल रूप से पुष्पेन्द्र के
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यह प्रदर्शनी उन्होंने विश्व फोटोग्राफी दिवस (19 अगस्त) के मौके पर की थी।
पुष्पेन्द्र ने इस बार अपनी छाया चित्रकला को फोटो पेपर के स्थान पर कैनवास पर जीवंत किया है जिसके केन्द्र में सूर्योदय से सूर्यास्त तक के नजारे हैं। पहले चित्र में पूर्व दिशा पर सुबह की लालिमा नजर आती है, दूसरे में बादलों के पीछे से उदय होता सूर्य, तीसरे में धीरे धीरे आसमान पर चमकने की प्रक्रिया में किरणें हैं तो चौथे चरण में फलक पर चमकते सूर्य का सौन्दर्य देखने योग्य है। एक फोटोग्राफ का एंगल ऐसा मानों सूर्य एक पेड़ पर बैठकर विश्राम कर रहा है तो अगले ही चित्र में वो बादलों की ओट से झांक कर पृथ्वी की हलचल को निहारता प्रतीत हो रहा है।
पुष्पेन्द्र ने इस बार अपनी छाया चित्रकला को फोटो पेपर के स्थान पर कैनवास पर जीवंत किया है।
पुष्पेन्द्र की एक अन्य कलाकृति में भरतपुर के घना पक्षी अभ्यारण्य का मनोरम दृश्य देखने योग्य है। इस चित्र में उन्होंने एक तलाब के पास लगे पेड़़ पर बैठे दर्जनों पक्षियों का फोटो इस अंदाज में खींचा है कि नीचे पानी में सभी की प्रतिबिंब स्पष्ट नजर आ रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने यहां अपने गुरू फोटो आर्टिस्ट महेश स्वामी का खींचा एक 40 गुणा 60 इंच आकार का चित्र भी प्रदर्शित किया है, इसमें महेश ने सुबह के समय समुद्र के किनारे की हलचल को बहुत ही कलात्मक अंदाज में क्लिक किया है। पुष्पेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि 26 अगस्त तक चलने वाली इस एग्जीबिशन के दौरान हर दिन कला दीर्घा में विभिन्न कलात्मक गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। रविवार को एच.आई.वी पॉजिटिव बच्चों को एग्जीबिशन की सैर करवाई जाएगी साथ ही उन्हें फोटोग्राफी के बारे में भी बताया जाएगा साथ फोटोग्राफी हमारे जीवन को कैसे एनरिचत करती है इस विषय पर महेश स्वामी के साथ टॉक शो का आयोजन भी किया जाएगा। इससे पूर्व कला एवं संस्कृति विभाग के पूर्व मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला, हरिदेव जोशी यूनिवर्सिटी के पूर्व वी.सी. ओम थानवी और समालोचक डॉ. दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने इसका उद्घाटन किया।
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