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दिल्ली हाईकोर्ट ने सपा और उसके मीडिया सेल को भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ एक्स पर एक ‘अपमानजनक’ पोस्ट को चार दिनों के भीतर हटाने का निर्देश दिया है। समाजवादी पार्टी और सपा मीडिया सेल के खिलाफ अमित मालवीय की ओर से दाखिल किए गए मुकदमे पर शुक्रवार को पारित एक अंतरिम आदेश में अदालत ने कहा उक्त आदेश दिया। अदालत ने कहा कि यदि प्रतिवादी पोस्ट को नहीं हटाते हैं, तो एक्स को इस संबंध में अनुरोध प्राप्त होने के 36 घंटे के भीतर इसे हटा देना चाहिए।
अमित मालवीय ने 3 अगस्त को सपा मीडिया सेल के अकाउंट से सेक्सुवल मिसकंडक्ट का आरोप लगाते हुए एक पोस्ट डालने के बाद मामला दर्ज कराया था। अदालत ने कहा कि आरोप बेहद आपत्तिजनक है। किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा उसके व्यक्तित्व का अभिन्न अंग है। इसको अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में गलत तरीके से कलंकित नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति विकास महाजन ने शनिवार को अदालत की वेबसाइट पर अपलोड किए गए आदेश में उक्त निर्देश दिए।
अदालत ने कहा- प्रतिवादी संख्या 1 (सपा मीडिया सेल) और 2 (समाजवादी पार्टी) को चार दिनों के भीतर एक्स पर अपलोड की गई पोस्ट के यूआरएल को हटाने या इसको ब्लॉक करने का निर्देश दिया जाता है। इसमें वादी के खिलाफ अपमानजनक बयान शामिल हैं। न्यायमूर्ति विकास महाजन ने कहा कि यदि प्रतिवादी संख्या 1 और 2 चार दिन के भीतर यूआरएल को हटाने या ब्लॉक करने में विफल रहते हैं, तो वादी (अमित मालवीय) प्रतिवादी संख्या 3 एक्स से अनुरोध करने के लिए स्वतंत्र होंगे। प्रतिवादी संख्या 3 एक्स को अनुरोध पर 36 घंटे के भीतर यूआरएल को हटाना होगा।
मुकदमे में अमित मालवीय ने कहा कि अयोध्या में नाबालिग लड़की के साथ हुए क्रूर सामूहिक बलात्कार पर आक्रोश के बारे में एक्स पर उनके पोस्ट के बाद, समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल ने उन पर व्यक्तिगत हमला बोला था। सपा के मीडिया सेल ने मालवीय पर यौन दुराचार का झूठा आरोप लगाया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि प्रथम दृष्टया यह माना जा रहा है कि इस पोस्ट में अपमानजनक आरोप हैं, जो सच्चाई की परवाह किए बिना वादी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए किए गए हैं।
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