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छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार में 10 जून को सतनामी समुदाय के आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के सिलसिले में कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि इस कार्रवाई के बाद बड़ी संख्या में यादव के समर्थक भिलाई नगर इलाके में उनके आवास के बाहर जमा हो गए और उन्होंने उनके समर्थन में नारे लगाए।
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने बताया कि यादव को पुलिस ने दुर्ग से हिरासत में लिया और आगे की कार्रवाई के लिए उन्हें बलौदाबाजार लाया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि उसने बलौदाबाजार आगजनी मामले के सिलसिले में यादव को बयान दर्ज करने के लिए तीन बार बुलाया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला जिसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दुर्ग पुलिस की सहायता से बलौदाबाजार पुलिस सुबह करीब सात बजे यादव के घर पहुंची, जिसके बाद विधायक के समर्थक वहां जमा हो गए। यादव के समर्थकों ने पुलिस को किसी भी तरह की कार्रवाई करने से रोकने की कोशिश की और नारे लगाए। हालांकि शाम लगभग पांच बजे पुलिस यादव को अपने साथ ले गई।
बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में एक धार्मिक ढांचे के कथित तोड़फोड़ के खिलाफ सतनामी समाज द्वारा 10 जून को बुलाए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान बलौदाबाजार में भीड़ ने एक सरकारी कार्यालय की इमारत तथा दोपहिया वाहनों समेत 150 से अधिक गाड़ियों में आग लगा दी थी।
इस साल 15 और 16 मई की दरम्यानी रात को बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के गिरौदपुरी धाम में पवित्र अमर गुफा के पास अज्ञात व्यक्तियों ने सतनामी समाज द्वारा पूजे जाने वाले पवित्र प्रतीक ‘जैतखाम’ या ‘विजय स्तंभ’ को तोड़ दिया था। बाद में पुलिस ने इस घटना के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था।
इस घटना के विरोध में, सतनामी समाज ने 10 जून को दशहरा मैदान बलौदाबाजार में प्रदर्शन और कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने का आह्वान किया था। विरोध प्रदर्शन के दौरान आगजनी और पथराव होने के बाद जिला प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लगा दी थी। पुलिस सूत्रों के मुताबिक कथित तौर पर यादव एवं अन्य कांग्रेस नेताओं ने समाज द्वारा बुलाए गए प्रदर्शन के तहत सार्वजनिक बैठक में भाग लिया था।
10 जून को हुई आगजनी के सिलसिले में कांग्रेस की छात्र इकाई भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और भीम रेजिमेंट के सदस्यों सहित लगभग 150 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध संत बाबा घासीदास ने सतनाम पंथ की स्थापना की थी। राज्य की अनुसूचित जातियों में बड़ी संख्या सतनामी समाज के लोग हैं तथा यह समाज यहां के प्रभावशाली समाजों में से एक है।
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