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हम एक ऐसे समय में जी रहे हैं जहां सांस लेने के लिए भी धन की आवश्यकता पड़ती है। अगर आपकी जेब में पैसा नहीं है तो उसका प्रभाव आपके चेहरे पर आपकी चाल में साफ नजर आता है। स्वास्थ्य, विवाह और रोजगार जातक के प्रमुख प्रश्न हैं। प्रत्येक जातक इन तीनों में से किसी एक समस्या का समाधान सदा खोज रहा होता है। इस लेख में हम व्यक्ति और जातक के रोजगार एवं व्यापार के विषय में बात करेंगे। रोजगार में आपकी उन्नति इस बात पर निर्भर करती है कि आप जो काम कर रहे हैं उसकी समाज में कितनी मांग है। मेरे पास कई बार कुछ होम्योपैथी और आयुर्वेद से जुड़े डॉक्टर आए जिनका कहना था कि उनका रोजगार सही नहीं चल रहा है। बात सुनने में थोड़ी कड़वी लग सकती है, लेकिन सच्चाई यह है कि होम्योपैथी और आयुर्वेदिक डॉक्टर्स का काम किसी एलोपैथी डॉक्टर के मुकाबले हल्का ही चलता है और दुर्भाग्य से उन्हें वो मान-सम्मान भी प्राप्त नहीं होता जो एक एमबीबीएस डॉक्टर को मिलता है। मैंने तो यह तक पाया है कि डेंटिस्ट तक रोजगार संबंधित सवाल को लेकर काफी परेशान रहते हैं। इस समस्या के समाधान की बात करें तो मुझे लगता है, जो भी लोग इस समस्या से गुजर रहे हैं और उन्हें लगता है कि वो काबिल हैं, तो उन्हें अपने प्रोफेशन से जुड़े वीडियो बनाने शुरू करना चाहिए। पॉडकास्ट आदि के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने का प्रयास करना चाहिए।
ज्योतिषीय भाषा में कहें तो इंटरनेट का प्रयोग करना राहु का भी एक अच्छा उपाय है। इस उपाय को करके वह ज्यादा से ज्यादा लोगों के संपर्क में आएंगे, उनका दायरा बढ़ेगा। मुमकिन है, अगर उनके शहर के लोगों की प्रतिभा को नहीं पहचान पा रहे हैं तो शहर से बाहर देश-विदेश के लोग उनकी प्रतिभा को पहचानें।
एक और महत्वपूर्ण बात, अगर वह इस दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं तो उन्हें नियमितता का ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि जहां नियमितता टूटी वो फिर से वहीं पहुंच जाएंगे जहां से उन्होंने शुरुआत की थी या शायद और पीछे, क्योंकि अब उनकी हिम्मत भी जवाब दे जाएगी।
इसी तरह कुछ क्षेत्र ऐसे होते हैं जिनमें समय लगता है, जैसे लेखन और वकालत से जुड़ा क्षेत्र आदि तो ऐसे क्षेत्रों में जातक को सब्र रखना चाहिए एवं अपनी प्रतिभा के ऊपर भरोसा रखना चाहिए। साथ ही हर दिन कुछ नया सीखने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि तजुर्बे और स्किल/कौशल/हुनर में फर्क होता है और व्यक्ति को कामयाबी तजुर्बे के बल पर नहीं स्किल/कौशल/हुनर के बल मिलती है। इसमें समझने वाली बात यह है कि समय के साथ तजुर्बा तो हर किसी का बढ़ रहा होता है, लेकिन स्किल/कौशल/हुनर पर काम कोई कोई ही करता है।
रोजगार के इस प्रश्न की तरह एक और प्रश्न जो अक्सर मेरे सामने आता है, वह व्यापार से जुड़ा है। उसमें भी अक्सर लोग यही कहते हैं कि हमारा व्यापार ठीक नहीं चल रहा। वैसे तो मुझे व्यापार की समझ ना के बराबर ही है, लेकिन फिर भी मैं कहूंगा व्यापार में आपकी सफलता और असफलता इस बात पर निर्भर करती है कि आपके प्रतिद्वंदी कितने हैं और आप जो बेच रहे हैं उसकी मांग कितनी है।
उदाहरण के तौर पर आपने देखा होगा कि जब किसी व्यक्ति को कोई व्यापार समझ नहीं करता तो वह परचून की दुकान खोल लेता है। परचून की दुकान खोलना गलत नहीं है, लेकिन अगर पांच दुकानें पहले से खुली हों तो छठी दुकान कितना चलेगी वो भी तब जब नई जनरेशन मोबाइल से ही सब कुछ ऑर्डर कर रही हो। व्यक्ति को अपने रोजगार या व्यापार का चयन बेहद देखभाल करके करना चाहिए, क्योंकि अगर व्यक्ति देश, काल, परिस्थिति को नहीं समझेगा और अपना आकलन नहीं करेगा तो शायद ही किसी ज्योतिषीय उपाय से उसे लाभ हो।
यह ठीक वैसा ही है, जैसे अगर कोई महान और बुद्धिमान ज्योतिषी अपना बड़ा सा ऑफिस उन लोगों के बीच में खोल ले, जिनके धर्म में कुंडली और हस्तरेखा दिखाने को गुनाह समझा जाता है, मुझे लगता है ऐसी स्थिति में उस ज्योतिषी का मान-सम्मान या धन कमाना तो दूर जान बचाना मुश्किल हो जाएगा।
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