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झारखंड भाजपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी शनिवार को असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के सह प्रभारी हेमंत बिस्वा शर्मा के साथ गिरिडीह जिले में बेंगाबाद स्थित झारखंड पुलिस के शहीद हवलदार चोहन हेम्ब्रम के घर उनके परिजनों से मिलने पहुंचे। हालंकि भाजपा के दोनों नेताओं के वहां पहुंचने से पहले ही प्रशासन ने स्व. हेम्ब्रम की पत्नी और बच्चों को घर से किसी और जगह भेज दिया था। साथ ही उनकी जगह पर भाजपा नेताओं से मिलने आए उनके सास-ससुर को भी पुलिस अपने साथ ले गई। यह क्षेत्र मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन के विधानसभा क्षेत्र में आता है।
जिसके बाद शहीद के घर पहुंचे हेमंत शर्मा और बाबूलाल मरांडी ने घर मौजूद उनकी बुजुर्ग मां व अन्य ग्रामीणों से मुलाकात करके घटना की विस्तृत जानकारी ली। पुलिसकर्मी की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए भाजपा नेताओं ने उनके परिवार को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया।
शर्मा ने पूछा- क्या तुष्टीकरण का खेल चल रहा?
इसके बाद मीडिया से बात करते हुए हेमंत बिस्वा शर्मा ने राज्य सरकार पर बड़ा हमला बोला। शर्मा ने कहा, ‘गरीब आदिवासी परिवार के बेटे चोहन हेंब्रम की हत्या को एक हफ्ता होने को है लेकिन शाहिद अंसारी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है… शाहिद अंसारी को पकड़ने में झामुमो सरकार क्यों फेल है? क्या यहां तुष्टिकरण का खेल चल रहा है?’
राज्य सरकार को बताया आदिवासी विरोधी
आगे शर्मा ने कहा ‘यह सरकार आदिवासी विरोधी, संवेदनहीन और निरंकुश सरकार है, जिसे केवल अपने वोट बैंक की चिंता है।’ उन्होंने कहा कि ‘हेमंत सरकार अपराधियों का भी तुष्टिकरण करती है। समुदाय और धर्म विशेष के अपराधी को यह सरकार संरक्षण प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि गैंगरेप के आरोप में सजायाफ्ता कैदी शाहिद अंसारी, जो इलाज के नाम पर हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में भर्ती था, ने उसकी सुरक्षा में नियुक्ति हवलदार चोहन हेंब्रम की नृशंस हत्या कर दी और फरार हो गया।’
‘आदिवासी हो रहे तुष्टीकरण की राजनीति का शिकार’
एक अन्य ट्वीट में शर्मा ने लिखा, ’11 अगस्त की आधी रात को, गैंगरेप के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दोषी मोहम्मद शाहिद अंसारी ने आदिवासी पुलिस हवलदार चोहन हेम्ब्रम की हत्या कर दी और हजारीबाग मेडिकल कॉलेज, झारखंड से फरार हो गया। पुलिस अभी तक आरोपी को पकड़ नहीं पाई है, और अब तक हेम्ब्रम के पीड़ित परिवार से कोई मिलने नहीं गया है। फिलहाल, श्री बाबूलाल मरांडी जी और मैं उनके घर बिशनी सरन, थाना – बेंगाबाद, जिला – गिरिडीह जा रहे हैं। हालांकि, मुझे सूचना मिली है कि सुबह 4:30 बजे के आसपास पुलिस ने उनकी पत्नी और बच्चों को उनके घर से उठा लिया। कुछ ही मिनटों बाद, उन्होंने परिवार के अन्य सदस्यों को भी उठा लिया और घर को बंद कर दिया। यह बहुत अजीब है। तुष्टीकरण की राजनीति चरम पर है। झारखंड में आदिवासी लोग प्रतिदिन तुष्टीकरण की राजनीति के शिकार हो रहे हैं।’
मरांडी ने हेमंत सरकार की नाकामी व तुष्टीकरण पर साधा निशाना
वहीं इस मुलाकात के बारे में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, ‘विगत दिनों हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में संथाल आदिवासी समाज के बेटे, हवलदार चोहन हेम्ब्रम की मो. शाहिद ने नृशंस हत्या कर दी थी। आज असम के माननीय मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व शर्मा जी के साथ गिरिडीह के बेंगाबाद में पीड़ित परिवार से मुलाकात कर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। सरकार के संरक्षण में आदिवासी समाज पर हो रहे हमले बेहद चिंताजनक हैं। भारतीय जनता पार्टी शोकाकुल परिजनों और पूरे आदिवासी समाज के साथ मजबूती के साथ खड़ी है। घटना के कई दिन बीत जाने के बावजूद अपराधी की गिरफ्तारी ना हो पाना हेमंत सरकार की नाकामी और तुष्टिकरण को दर्शाता है।’
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