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हरियाणा विधानसभा चुनाव से एक महीने पहले दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) को एक बड़ा झटका लगा है। पार्टी के 10 में से चार विधायक- ईश्वर सिंह, रामकरण काला, देवेंद्र बाबली, और अनुप धनक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इनमें से अनुप धनक ने पहले ही पार्टी छोड़ दी थी, जबकि ईश्वर सिंह, रामकरण काला और देवेंद्र बाबली ने आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दिया है। ये विधायक अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। बताते चलें कि हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस ने इस बार के लोकसभा चुनाव में पांच-पांच सीटें जीतने में कामयाब रहीं।
दुष्यंत चौटाला के नेतृत्व वाली जेजेपी के लिए यह स्थिति कठिन हो गई है, क्योंकि पार्टी की स्थिति विधानसभा में कमजोर हो गई है। जेजेपी ने पहले ही दो अन्य विधायकों- रामनिवास सूरजकेहरा और जोगी राम सिहाग को पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए अयोग्य ठहराने की मांग की थी। इन दोनों ने लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा के पक्ष में प्रचार किया था। इसके अलावा नरनौंद के विधायक रामकुमार गौराम ने भी पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की थी।
जेजेपी में बचे सिर्फ तीन वफादार
इस तरह जेजेपी के पास अब केवल तीन वफादार विधायक बचे हैं, जिनमें दुष्यंत चौटाला, उनकी मां नायना चौटाला और अमरजीत धांडा शामिल हैं। इस स्थिति में पार्टी को आने वाले विधानसभा चुनाव में बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। हरियाणा विधानसभा चुनाव 1 अक्टूबर को आयोजित किए जाएंगे और चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
कहां जा सकते हैं ये विधायक
हिसार के उकलाना से विधायक रहे अनुप धनक पहले भाजपा-जेजेपी गठबंधन में हरियाणा सरकार में मंत्री थे। ऐसी संभावना है कि वह इस बार भाजपा का दामन थाम सकते हैं। वहीं फतेहाबाद के तोहाना से विधायक देवेंद्र बाबली, कैथल जिले के गुहला-चिक्का से विधायक ईश्वर सिंह, कुरुक्षेत्र के शाहबाद से विधायक रामकरण काला के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना बनी हुई है। उल्लेखनीय है कि रामकरण काला और ईश्वर सिंह के बेटे पहले ही कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं, जबकि देवेंद्र बाबली ने लोकसभा चुनाव में हरियाणा कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा के लिए प्रचार किया था।
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