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कोलकाता के एक अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में देश भर के डॉक्टर 17 तारीख से 24 घंटे के हड़ताल पर हैं। मध्य प्रदेश में सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार से ही काम बंद कर दिया है। इस बीच डॉक्टरों की हड़ताल को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के डॉक्टरों को हड़ताल वापस लेकर काम पर लौटने का निर्देश दिया है।
दरअसल, मध्य प्रदेश के नरसिंहपुर जिले के निवासी अंशुल तिवारी ने डॉक्टरों की हड़ताल को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति राज मोहन सिंह की खंडपीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शनिवार को डॉक्टरों को अपनी हड़ताल वापस लेने और राज्य में ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया।
याचिकाकर्ता के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता संजय अग्रवाल और अधिवक्ता अंजू अग्रवाल ने कहा कि अदालत ने डॉक्टरों को अपनी हड़ताल वापस लेने और ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि अदालत ने डॉक्टरों को अपनी शिकायतें अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। हालांकि अभी आदालत के विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा की जा रही है।
इससे पहले हाई कोर्ट ने शुक्रवार को राज्य सरकार और अन्य को नोटिस जारी कर 17 अगस्त को कोलकाता के एक अस्पताल में एक महिला चिकित्सक के साथ कथित बलात्कार और हत्या और स्वास्थ्य सुविधा में तोड़फोड़ के विरोध में डॉक्टरों द्वारा बुलाई गई हड़ताल पर 24 घंटे में जवाब मांगा था।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में एक युवा डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या और उसके बाद अस्पताल में किए गए तोड़फोड़ के विरोध में 17 अगस्त को सुबह 6 बजे से 24 घंटे के लिए गैर-आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है। इस बीच, मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर सैकड़ों रेजिडेंट डॉक्टरों ने शुक्रवार से ही काम बंद कर दिया है।
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