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रिम्स में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों का प्रदर्शन जारी
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हो रहा है। IMA की पहल पर पूरे देश के डॉक्टर्स हड़ताल पर हैं। इसका असर झारखंड के भी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों पर भी पड़ रहा है। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम
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यहां अगले 24 घंटे के लिए OPD, वार्ड केयर, दूसरी किसी पैथलॉजिकल सेवाएं बंद है। हालांकि, इमरजेंसी सेवा चालू है। पूरे राज्यभर से करीब 17 हजार डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इनकी मांग है कि केंद्र सरकार डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट बनाए।
डॉक्टरों के इस प्रदर्शन का कई मेडिकल संस्थानों ने समर्थन दिया है। इनमें झारखंड IMA, रिम्स JDA, झासा, IMA की महिला विंग, RDA CIP, HHPI, IAP, IDA, IAP, झारखंड पारा चिकित्सक संघ सहित राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों समेत कई प्राइवेट अस्पतालों के डॉक्टर शामिल हैं।
17 हजार से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर
इस आंदोलन को समर्थन दे रहे IMA रांची चैप्टर के सचिव डॉ प्रदीप सिंह ने कहा है कि इस बार राज्यभर में 17 हजार से अधिक डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस आंदोलन को पारा मेडिकल स्टाफ से लेकर ANM, GNM नर्स सहित फीजियोथेरैपी एसोसिएशन को मिलाकर करीब 25 हजार से अधिक स्वास्थ्यकर्मियों का समर्थन है।
बंगाल की हालत बांग्लादेश से बदतर
प्रोस्टेट के दौरान IMA रांची के वाइस प्रेसिडेंट अभिषेक रामाधीन ने बंगाल सरकार पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बंगाल सरकार ने पहले सीबीआई जांच की अनुशंसा की फिर गुंडों से अस्पताल को तोड़वा दिया। प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों पर हमला किया।
केंद्र सरकार को बंगाल सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। राज्य चलाना उनके वश की बात नहीं है। बंगाल की हालत बांग्लादेश से बदतर कर दी गई है।
उन्होंने कहा कि अगर डॉक्टर सुरक्षित होंगे तभी मरीज भी सुरक्षित होंगे। एक डॉक्टर पूरी जिंदगी लगाता है पढ़ाई करने और मरीज की सेवा के लिए। कभी कोई डॉक्टर नहीं चाहता कि वह प्रोटेस्ट करे या मरीज को किसी तरह की असुविधा हो।
आज पूरे देश में जैसी स्थिति है, हम आखिर क्या करें। कोरोना के दौरान पूरा अस्पताल प्रोटेक्टेड एरिया बनाया गया था। आज राज्य और केंद्र सरकार को डॉक्टर और दूसरे स्टाफ के लिए उसी तरह की व्यवस्था की जानी चाहिए।
मेडिकल प्रोटेक्शन जरूरी, हम सेवा देने को तैयार
डॉक्टरों के विरोध में शामिल डॉ भारती कश्यप ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सेफ्टी पॉलिसी बनाना बहुत जरूरी है। इस तरह की घटना कहीं भी हो सकती है। ये डॉक्टर्स राज्य के दूर-दराज के इलाकों में होते हैं। वहां काम करते हैं। OPD, ICU, वार्ड, हर जगह ये डॉक्टर रहते हैं। सेफ्टी पॉलिसी आज समय की मांग है। मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट मांग है।
झारखंड राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मृत्युंजय झा ने कहा कि इस तरह की डॉक्टर्स भगवान का रूप होते हैं। इस घटना को लेकर सरकार गंभीर हो और स्पेशल ट्रायल का गठन कर अपराधियों को सजा दे।
इमरजेंसी सेवा और प्रोटेस्ट पर डॉक्टरों ने रखी बात
रिम्स की डॉ मनप्रीत राज ने कहा कि हमलोग इमरजेंसी सेवाएं चालू रखे हुए हैं। अगर किसी तरह की गंभीर समस्या है तो हम उसे देख रहे हैं। वहीं वैसे ऑपरेशन जिसे कुछ दिनों तक टाला जा सकता है तो उसे हम रोक रहे हैं, लेकिन उसमें भी इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि अगर समस्या गंभीर है तो उसका इलाज हो।
वहीं डॉक्टरों को कहना है कि इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम होनी चाहिए। वहीं डॉक्टरों ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि यह प्रोटेस्ट भी जरूरी है और मरीजों का इलाज भी जरूरी है। इमरजेंसी की हर सेवा हम दे रहे हैं।
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