[ad_1]
दिल्ली में 1984 के सिख-विरोधी दंगों के दौरान पुल बंगश गुरुद्वारा इलाके में तीन लोगों की कथित हत्या से जुड़े सीबीआई के मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर की मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए अब 30 अगस्त की तारीख तय की है।
स्पेशल सीबीआई जज राकेश सियाल ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि आरोप तय करने के लिए 30 अगस्त की तारीख तय की गई है। सीबीआई ने इस मामले में पिछले साल मई में कांग्रेस नेता टाइटलर के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था।
बहस के दौरान बचाव पक्ष के वकील मनु शर्मा ने तीन मूर्ति हाउस में दूरदर्शन की शूटिंग का एक वीडियो रिकॉर्ड पर रखा था, जहां इंदिरा गांधी का शव रखा गया था। बचाव पक्ष के वकील ने तर्क दिया था कि एक वीडियो के अनुसार, कथित घटना के दिन टाइटलर तीन मूर्ति हाउस में मौजूद थे।
इस दावे को सीबीआई और दंगा पीड़ितों के वकील सीनियर एडवोकेट एच.एस. फुल्का ने खारिज कर दिया। सीबीआई ने अमिताभ बच्चन के बयान का भी हवाला दिया था, जिसमें कहा गया था कि 1 नवंबर 1984 को टाइटलर पूरे दिन वहां मौजूद नहीं थे।
मनु शर्मा ने तर्क दिया था कि सीबीआई ने तीन क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की थीं। सीबीआई ने सह-आरोपी सुरेश कुमार पनेवाला के खिलाफ 2009 में आरोप पत्र दाखिल किया था। उसे ट्रायल कोर्ट ने बरी कर दिया था।
यह भी तर्क दिया गया कि 1984 से लेकर 2022-23 तक कोई गवाह नहीं आया। 40 साल की लंबी अवधि के बाद गवाह सामने आ रहे हैं। उन पर कैसे भरोसा किया जा सकता है?
सीबीआई ने 16 अप्रैल को आरोप तय करने पर अपनी दलीलें पूरी कर ली थीं। सीबीआई ने कहा था कि ऐसे चश्मदीद गवाह हैं, जिन्होंने 1984 के दंगों के दौरान जगदीश टाइटलर को भीड़ को उकसाते हुए देखा था। आरोपी जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री है।
सीबीआई के वकील ने अपनी दलीलों के दौरान चार प्रत्यक्षदर्शियों के बयान पढ़े, जिनमें सुरेंद्र सिंह भी शामिल हैं, जिन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद आरोपियों को भीड़ को उकसाते हुए देखा था। यह मामला 1 नवंबर 1984 को पुल बंगश गुरुद्वारे के सामने तीन सिखों ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह की कथित हत्या से जुड़ा है। कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर इस मामले में आरोपी हैं।
सीबीआई ने उनके खिलाफ 20 मई 2023 को पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था। पूरक आरोप पत्र का संज्ञान लेने के बाद कोर्ट द्वारा जारी समन के खिलाफ 5 अगस्त को टाइटलर कोर्ट में पेश हुए। इसके बाद वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। इससे पहले, उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद सत्र न्यायालय ने 4 अगस्त 2023 को उन्हें अग्रिम जमानत दे दी थी।
20 मई को सीबीआई ने 31 अक्टूबर 1984 को तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या के बाद 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया। कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर, जो उस समय सांसद थे, उन्हें आरोप पत्र में आरोपी बनाया गया है।
सीबीआई ने एक बयान में उल्लेख किया कि एजेंसी ने नवंबर 2005 में एक घटना पर तत्काल मामला दर्ज किया था, जिसमें दिल्ली के बाड़ा हिंदू राव के आजाद मार्केट में गुरुद्वारा पुल बंगश को भीड़ द्वारा आग लगा दी गई थी और 1 नवंबर 1984 को गुरुद्वारा पुल बंगश के पास सरदार ठाकुर सिंह, बादल सिंह और गुरचरण सिंह नामक तीन व्यक्तियों को जलाकर मार दिया गया था।
दिल्ली में वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की घटनाओं की जांच के लिए भारत सरकार द्वारा वर्ष 2000 में जस्टिस नानावटी जांच आयोग का गठन किया गया था। आयोग की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने तत्कालीन सांसद और अन्य के खिलाफ मामले की जांच करने के लिए सीबीआई को निर्देश जारी किए थे। सीबीआई जांच के दौरान, साक्ष्य रिकॉर्ड पर आए कि 1 नवंबर 1984 को उक्त अभियुक्तों ने दिल्ली के आजाद मार्केट में गुरुद्वारा पुल बंगश में जुटी भीड़ को कथित रूप से उकसाया और भड़काया, जिसके परिणामस्वरूप गुरुद्वारा पुल बंगश को जला दिया गया और भीड़ द्वारा तीन सिख व्यक्तियों की हत्या कर दी गई, इसके अलावा दुकानों को जला दिया गया और लूट लिया गया।
[ad_2]
Source link