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छतरपुर जिला न्यायालय ने शुक्रवार को एक फैसला सुनाया है। जिसमें मामा-भांजी जैसे पवित्र रिश्ते को कलंकित करने वाले दुराचारी मामा को दुराचार के मामले में न्यायाधीश डॉ सारिका गिरी शर्मा की अदालत ने 20 साल की कठोर कैद और 2 हजार रूपए के जुर्माने की सजा सुन
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इतने में उसका रिश्ते का मामा आया और उससे बोला कि उसे पानी पिला दो तो उसने जैसे ही लोटे से पानी दिया तो आरोपी मामा ने उसका हाथ पकड़ कर खींचते हुए उसे खेत तरफ ले गया। उसे जमीन पर पटक दिया और उसके साथ उसकी मर्जी के बिना गलत काम किया।
वह चिल्लाई लेकिन शादी में गाने बजाने के कारण उसकी आवाज किसी ने नहीं सुनी। बाद में आरोपी उसे खेत में छोड़कर भाग गया। जाते-जाते वह बोल रहा था कि यदि किसी को कुछ बताया तो जान से खत्म कर दूंगा। फिर वह खेत से घर आई और घटना के बारे में अपनी मां को बताया।
मामले में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक केएल प्रजापति ने पैरवी करते हुए तथ्य और सबूत न्यायालय के सामने पेश कर दुराचारी मामा को कठोर सजा देने की दलील रखी। न्यायाधीश डॉ सारिका गिरी शर्मा की अदालत ने दुराचारी मामा को दोषी पाते हुए शुक्रवार को 20 साल की कठोर कैद के साथ दो हजार रूपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।
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