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केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का शुक्रवार को एक अलग रूप सामने आया, जब उन्होंने नदी के बीच से रेस्क्यू किए गए चरवाहे से फोन पर बात कर उसका हालचाल जाना। ये वाकया तब हुआ जब गुरुवार रात केंद्रीय मंत्री सिंधिया को सिंध नदी के अचानक बढ़े जलस्तर व अधिक तेज गति से बहाव के कारण अलग-अलग स्थानों पर 12 लोगों की टापू में फंसे होने की सूचना मिली। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने तुरंत प्रशासन को हर जरूरी इंतजाम करते हुए फंसे हुए लोगों को बचाने के निर्देश दिए।
इसके बाद SDERF की टीम पूरी मुश्तैदी से उन्हें बचाने के काम में जुट गई और किनारे पर फंसे हुए लोगों से सम्पर्क बनाए रखा। हालांकि सिंध नदी में पानी का बहाव बेहद तेज था, जिसके कारण नाव ले जाकर उन्हें बचाकर लाना बेहद मुश्किल था। SDERF की टीम बहाव की गति कम होने का इंतजार करने लगी। इस बात का पता चलते ही केंद्रीय मंत्री ने निर्देश दिए कि अगर सुबह तक बहाव कम नहीं हो तो फंसे हुए लोगों को हेलिकॉप्टर से निकाला जाए। हालांकि रात को ही पानी का बहाव थोड़ा कम हुआ और SDERF की टीम टापुओं पर पहुंची व सभी फंसे हुए लोगों को निकाल लाई।
इससे पहले जिले की कोलारस तहसील के भड़ौता गांव में सिंध नदी पर बने पुल के पास कुल 11 लोग रात में सिंध नदी का रपटा पार करते समय तेज बहाव में फंस गए थे। इनमें एक महिला भी शामिल थी। पुल के दोनों तरफ चेतावनी और निषेध का बोर्ड लगे होने के बाबजूद भी ये लोग पुल पार कर रहे थे।
इनमें से 1 महिला और 2 पुरुष को रात में ही बचाव अभियान चलाकर सुरक्षित निकाल लिया गया था, शेष रह गए 8 लोगों को शुक्रवार सुबह सुरक्षित निकाला गया। रेस्क्यू किए गए लोगों में 5 वयस्क और तीन नाबालिग शामिल हैं। बचाए गए एक शख्स का नाम राजपाल यादव है जो कि मझारी गांव थाना इंदार का निवासी है, वो भैंस को चराने निकला था और अकेले एक टापू पर फंस गया, इन्हें भी प्रशासन द्वारा बचा लिया गया।
सिंधिया बोले- मैं हूं ना
सभी को सुरक्षित निकाले जाने के बाद केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बेहद आत्मीय तरीके से अकेले फंसे हुए चरवाहे से फोन पर बात की। केंद्रीय मंत्री ने पहले उससे कुशल मंगल पूछा, और कहा ‘मैं हूं ना, कुछ नहीं होने दूंगा’। इसके बाद उन्होंने चरवाहे से उसके मवेशियों के बारे में जानकारी लेते हुए पूछा कि मवेशियों को भी बचाया गया है या नहीं? जवाब में चरवाहे ने कहा मवेशियों को भी बचा लिया गया लेकिन रात में मुझे डर लगने लगा था।
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