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Sheikh Hasina Extradition: बांग्लादेश में हुई छात्र हिंसा के बाद शेख हसीना प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़कर बांग्लादेश से भारत आ चुकी हैं. बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की नई सरकार बन चुकी है, लेकिन अब भी शेख हसीना की मुसीबतें उनका साथ छोड़ने का नाम नहीं ले रही.
बांग्लादेश में बनी मोहम्मद यूनुस की नई अंतरिम सरकार शेख हसीना को भारत में भी सुकून से रहने नहीं देना चाहती. बांग्लादेश की सरकार भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण करने को लेकर विचार कर सकती है. बांग्लादेश के विदेश मंत्री मोहम्मद तौहीद ने एक इंटरव्यू के दौरान यह कहा कि यदि कानून मंत्रालय किसी नतीजे पर आता है तो उन्हें शेख हसीना की वापसी करने को लेकर भारत से बात करनी होगी. पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ केस दर्ज हो रहे हैं मामलों को लेकर बांग्लादेश सरकार उनकी वापसी करने का ऑप्शन चुन सकती है.
अवामी लीग के नेताओं को अरेस्ट कर मुकदमा चलाने की मांग की
एक तरफ बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज होते जा रहे हैं तो वहीं उनके प्रत्यर्पण को लेकर भी चर्चा जोरों पर चल रही है. दूसरी ओर बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी ने बीते रोज 15 अगस्त को देशभर में धरने किए. शेख हसीना और उनकी पार्टी के खास लोगों को बांग्लादेश में हुई हिंसा के लिए अरेस्ट करने और मुकदमा चलाने की मांग की है.
बांग्लादेश हिंसा में 500 से ज्यादा लोग मारे गए
शेख हसीना ने 5 अगस्त को उनके खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शन के चलते इस्तीफा दे दिया था और देश छोड़कर चली गई थी. बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना भारत आई और तब से वहीं रह रही है. शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश में दंगे खत्म नहीं हुए और उग्र होते गए बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं पर भी कई प्रकार के अत्याचार हुए. बांग्लादेश में हुई हिंसा की घटनाओं में 500 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
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