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स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पतंगबाजी के चलते यमुनापार में गुरुवार को चाइनीज मांझे की चपेट में आने से एक ट्रैफिक पुलिस के एएसआई समेत दो लोग घायल हो गए। घायलों में ट्रैफिक पुलिसकर्मी सुरेंद्र सिंह और कारोबारी हिमांशु शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, सुरेंद्र सिंह उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले के रहने वाले हैं और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस में एएसआई हैं। इनकी तैनाती पंजाबी बाग सर्कल में है। वह अपने घर से सुबह बाइक से ड्यूटी के लिए निकले थे। यमुना विहार सी-3 ब्लॉक के पास फ्लाईओवर पर मांझा उनकी गर्दन पर फंस गया। गनीमत रही कि उन्होंने तुरंत बाइक रोक ली, जिससे घाव गहरा नहीं हुआ। जख्मी हालत में उन्हें तुरंत अस्पताल में ले जाया गया, जहां गर्दन में टांके लगाने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई।
वहीं, दूसरा मामला न्यू उस्मानपुर थाना इलाके में सिग्नेचर ब्रिज का है। यहां हिमांशु पत्नी के साथ स्कूटी पर जा रहे थे। इसी दौरान वे मांझे की चपेट में आ गए।
पतंगबाजी से पक्षियों की जान पर बन आई
इतना ही नहीं, मांझे की धार से कई पक्षी भी घायल हो गए। बीते पांच दिनों में 275 से अधिक पक्षियों को इलाज के लिए चांदनी चौक स्थित चैरिटी बर्ड हॉस्पिटल लाया गया है। मांझे की धार से किसी के पंख और पैर कट गए हैं तो किसी की गर्दन टूट गई है। आसमान में फिर से उड़ान भरने के लिए पक्षियों को 15 दिन से एक महीने तक का समय लगेगा।
सबसे ज्यादा कबूतर घायल : अस्पताल के प्रबंधक अतिशय जैन और डॉ. रामेश्वर यादव ने बताया कि 15 अगस्त को दोपहर तक 55 पक्षी घायल अवस्था में उपचार के लिए लाए गए। पक्षियों की गर्दन से लेकर पैरों में मांझा उलझा हुआ था। खून भी निकल रहा था। सबसे ज्यादा कबूतर घायल हुए हैं। इसके अलावा चील, कौआ, तोता, मैना, कोलंबिडी भी इलाज के लिए लाए गए हैं।
इस बार थोड़ी राहत : राहत की बात है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार कम पक्षी घायल हुए हैं। वर्ष 2022 में 400 से ज्यादा पक्षियों के पैर-गर्दन कटे थे, जबकि 2023 में यह आंकड़ा 450 के करीब था। उन्होंने बताया कि घायल पक्षियों की दवा और पट्टी की गई है। ताकत के लिए मल्टीविटामिन दे रहे हैं। दर्द से राहत की भी दवा पक्षियों को दी जा रही है।
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