[ad_1]
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर में शुक्रवार को एक दर्जन से अधिक श्रद्धालु महाकाल के नाम और त्रिपुंड छपे हुए निक्कर पहनकर दर्शन करने पहुंचे थे। इस दौरान मंदिर के सुरक्षा अधिकारी ने उन्हें रोका और उनसे निक्कर उतरवाया। हालांकि किसी प्रकार की कार्रवाई न करते हुए इन भक्तों को दूसरे कपड़े पहनने के लिए दिया। साथ ही हिदायत दी कि इस प्रकार के कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश न करें। भक्तों के कपड़े उतरवाते देख थोड़ी देर के लिए वहां अफरा तफरी मच गई। कई श्रद्धालु अपने कपड़े छुपाते नजर आए।
उज्जैन के महाकाल मंदिर में शुक्रवार अल सुबह ‘महाकाल’ और ‘त्रिपुंड’ प्रिंट छपे निक्कर पहनकर प्रवेश कर रहे श्रद्धालुओं को मंदिर के कर्मचारी और सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। बताया जा रहा है कि महाकाल भस्म आरती के दौरान कई श्रद्धालु ‘महाकाल’ प्रिंट वाले निक्कर पहनकर मंदिर में प्रवेश कर रहे थे।
इस दौरान गर्भगृह निरीक्षक उमेश पंड्या और मंदिर समिति की सुरक्षा के इंचार्ज विष्णु चौहान ने ऐसे कपड़े पहने श्रद्धालुओं पर कार्रवाई शुरू की। इस दौरान करीब एक दर्जन ऐसे लोगों को पकड़ा जिन्होंने ‘महाकाल’ और ‘त्रिपुंड’ बने निक्कर पहन रखे थे। इस दौरान मौके पर ही इन लोगों के कपड़े उतरवा दिए गए और उन्हें पहनने के लिए दूसरे कपड़े दिए गए। इसके बाद ही उन्हें मंदिर में प्रवेश दिया गया। साथ ही ऐसे कपड़े पहनकर मंदिर नहीं आने की हिदायत दी गई।
बता दें कि महाकाल मंदिर के आसपास बड़ी संख्या में धार्मिक वस्त्रों की दुकानें हैं। यहां ‘महाकाल’ लिखी हुई टी शर्ट, दुपट्टा, शर्ट, कुर्ता, शॉर्ट्स आदि मिलते हैं। कई भक्त इन्हें पहनकर महाकाल मंदिर में प्रवेश करते हैं।
कपड़े पहनने के मामले में हुई कार्रवाई को मंदिर के पुजारी महेश शर्मा ने सही बताया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कपड़े पहनने से धार्मिक भावनाएं आहत होती है। हम काफी समय से महाकाल मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने की बात कह रहे हैं। मंदिर में ड्रेस कोड लागू होना चाहिए। मंदिर में धार्मिकता के अनुसार ही वस्त्र पहनकर प्रवेश दिया जाना चाहिए। हालांकि, इस तरह की कार्रवाई मंदिर में पहली बार की गई है।
पुजारी महेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश के कई मंदिरों में प्रवेश के लिए ड्रेस कोड लागू किया जा चुका है। कई मंदिरों में इस प्रकार की सख्तियां लगाई गई है कि मंदिर में संस्कृति के अनुरूप ही कपड़े पहनकर प्रवेश करें। महाकाल मंदिर के पंडित और पुजारी भी कई बार ड्रेस कोड लागू करने की मांग कर चुके हैं। अभी देखने में आता है कि पुरुष भक्त छोटे-छोटे निक्कर पहनकर मंदिर में प्रवेश करते हैं तो युवतियां भी शॉर्ट ड्रेस पहनकर मंदिर में आ जाती हैं। इन सब पर रोक लगाई जानी चाहिए। इनसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है।
इस मामले के संबंध में महाकाल मंदिर के नव नियुक्त प्रशासक गणेश धाकड़ से चर्चा करना चाही तो उन्होंने कहा कि मैं अभी बाहर हूं। आकर ही कुछ कह पाऊंगा।
रिपोर्टः विजेन्द्र यादव
[ad_2]
Source link