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बारिश के दौरान नाले का निमार्ण, लोगों ने जताया विरोध
नारनौल में शहर के बीचों बीच 38 करोड रुपए की लागत से बन रहे छलक नदी नाले का निर्माण कार्य करीब 6 माह बाद फिर से शुरू हो गया है। लेकिन यह फिर से विवादों में आ गया है। रविदास मंदिर के नजदीक मोहल्ला महल में दोबारा से निर्माण कार्य शुरू करने पर नाले का नि
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नगर परिषद द्वारा कंपनी को लगभग 30 से 32 करोड रुपए की पेमेंट भी कर दी गई है। आरोप लग रहे हैं कि निर्माण कार्य की कंपनी पर सत्ता पक्ष के लोगों का हाथ है । जिसके चलते उसको लगातार पेमेंट होती रही है। हालांकि अब फिर से इस नाले पर निर्माण कार्य शुरू हुआ है, मगर वह भी सही नहीं हो रहा। 2 दिन पूर्व ही बरसाती पानी के अंदर ही इसका निर्माण किया जा रहा था। निर्माण के समय बरसात भी हो रही थी। जिसका लोगों ने विरोध किया।
शहर में कई बार आ चुकी बाढ़ व बरसाती पानी को भरने से रोकने के लिए वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आईटीआई मैदान में आयोजित रैली में लोगों की डिमांड पर शहर के बीचो-बीच से जा रहे करीब 3 किलोमीटर लंबे गंदे पानी के छलक नाल को दोबारा से निर्माण कराने की घोषणा की थी।
नाले में भारा बारिश का पानी व गंदगी, इसी नाले का हो रहा निर्माण
नाले के लिए 28 करोड का बजट पास
यह नाला शहर के जयपुर रोड पर कोरियावास मोड़ से रेवाड़ी रोड मोड वाला मंदिर के पास तक बना हुआ है। जिसके बाद इसके लिए 28 करोड रुपए का बजट भी पास हुआ। घोषणा के बाद वर्ष 2019 में जयपुर की एक कंपनी द्वारा इसके निर्माण का कार्य भी शुरू हुआ। निर्माण कार्य शुरू में तेज गति से चला। जिसके चलते लोगों को आसजगी थी कि इस नाले का निर्माण कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा, लेकिन बाद में सत्ता पक्ष के ठेकेदार व लोग इस नाले के निर्माण कार्य में इंटरफेयर करने लगे।
नगर परिषद के अधिकारी भी कमीशन के लालच में इस नाले के निर्माण कार्य पर कई तरह की आपत्ति दर्ज करने लगे। बताया जा रहा है कि इस नाले का निर्माण कार्य का 19 परसेंट कमीशन के आधार पर ठेका छोड़ा गया था।
नगर परिषद के अधिकारियों व सत्ता पक्ष का रहा पूरा इंटरफेयर
2020 के बाद नगर परिषद के अधिकारी व सत्ता पक्ष के लोग तथा ठेकेदार इस नाले के निर्माण कार्य में पूरा इंटरेस्ट लेने लगे। जिसके चलते बार-बार इस नाले का निर्माण कार्य रुका तथा बार-बार इसकी पेमेंट भी होती रही। इसके बाद से इस निर्माण कार्य की गति धीमी हो गई
5 साल बाद भी 2 किलोमीटर नाले का नहीं हो पाया निर्माण
5 साल में नहीं बना दो किलोमीटर नाला
5 साल बाद भी करीब 2 किलोमीटर तक नहीं बन पाया। अभी नाले का निर्माण कार्य रुका हुआ है। कोरियावास रोड से पुल बाजार तक इसका निर्माण कार्य करीब 90% पूरा हुआ है। पुल बाजार के बाद से रामानंद राधेश्याम धर्मशाला तक इसका निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है, जबकि रामानंद राधेश्याम की धर्मशाला से रेवाड़ी रोड तक इसका निर्माण कार्य करीब 80 परसेंट पूरा हुआ है।
निर्माण के दौरान हो चुके कई हादसे
इस नाले के निर्माण के दौरान कई बार हादसे से भी हो चुके हैं। नजदीकी गांव धोलेडा के एक व्यक्ति की कार भी इस नाले में वर्ष 2020 में गिर गई थी। जिसके चलते उसे व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। इसके बाद नाले के निर्माण कंपनी पर मामला भी दर्ज हुआ था। इसके अलावा हाल ही में शनि मंदिर के पास एक स्कूटी सवार वकील के अलावा एक बाइक सवार व एक ऑटो चालक भी इस नाले में गिर चुके हैं।
पूर्व पार्षद का आरोप नाले में फैला व्यापक भ्रष्टाचार
इस बारे में पूर्व पार्षद दयानंद सोनी का कहना है कि नाले के निर्माण कार्य में शुरू से लेकर अब तक व्यापक भ्रष्टाचार फैला है। नाले का निर्माण शुरू में अलग है तो बीच में अलग है। पहले यह नाला अंडरग्राउंड बनना था, लेकिन अब यह ओपन बनाया जा रहा है। नाला शहर में संकरा हो गया, जबकि शुरुआत में यह चौड़ा है। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की विजिलेंस या सीबीआई से जांच होनी चाहिए, ताकि इतने बड़े घोटाले का पता लग सके।
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