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फरीदाबाद में बादशाह खान सिविल अस्पताल में इमरजेंसी के बाहर एक साल के बच्चे को लेकर एम्बुलेंस के इंतजार में बैठे परिजन।
हरियाणा के फरीदाबाद जिले के बादशाह खान सिविल अस्पताल में एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल का असर साफ नजर आ रहा है। जहां लगभग घंटे तक बादशाह खान सिविल अस्पताल से रेफर हुए 1 साल के बच्चे को एंबुलेंस नहीं मिली। दैनिक भास्कर की टीम की हस्तक्षेप के बाद अस्पता
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बुखार और दौरे की हुई थी शिकायत
एक साल के बच्चे अभिषेक के पिता अरुण ने बताया कि वह फरीदाबाद के हार्डवेयर चौक स्थित राजीव कॉलोनी में रहते हैं। बीते कल उनके बच्चे को बुखार और दौरे की शिकायत हुई थी। जिसके बाद उन्होंने अपने बच्चों को बादशाह खान सिविल अस्पताल में बच्चा वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कराया था, लेकिन आज डॉक्टर ने उनके बच्चे को इलाज के लिए दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के लिए रेफर दिया और कहा कि वह नीचे से जाकर एम्बुलेंस ले ले। जब वह एम्बुलेंस कंट्रोल रूम में गए, तो उन्हें कहा गया कि अभी एम्बुलेंस डीजल डलवाने के लिए गई है। जब डीजल डलवा के आ जाएगी, तब एम्बुलेंस भेज दी जाएगी। लेकिन बार-बार एम्बुलेंस आने की बात कह कर उन्हें एम्बुलेंस के कर्मचारी टालते रहे।
बच्चे को लेकर इमरजेंसी के गेट पर बैठे रहे परिजन
वह अपने बच्चों को लेकर अस्पताल की इमरजेंसी के गेट पर ही बैठे थे, तभी दैनिक भास्कर के संवाददाता की नजर उन पर पड़ी। उन्होंने अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड के मेन गेट पर बैठने का कारण पूछा, तब बच्चे के पिता अरुण ने उन्हें पूरी बात बताई। जिसके बाद दैनिक भास्कर के संवाददाता ने मामले की जानकारी अस्पताल के आरएमओ डॉक्टर लोकेश गुप्ता को दी। जिसके बाद आरएमओ लोकेश गुप्ता ने तुरंत मामले में संज्ञान लेते हुए कुछ देर में एम्बुलेंस उन तक पहुंचाई। जिसके बाद वह अपने बच्चों को इलाज के लिए दिल्ली लेकर जा सके।
कौन होता जिम्मेदार
गौरतलब गई कि यदि एम्बुलेंस मिलने में देरी हो जाती और बच्चे की जान चली जाती, तो इसका जिम्मेदार कौन होता, लेकिन घटना से साफ है कि आज एनएचएम की हड़ताल को 21 दिन हो चुके हैं और उसका सीधा-सीधा असर इलाज कराने के लिए आने वाले मरीजों पर पड़ रहा है।
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