[ad_1]
Iran-Israel Conflict: हमास और इजरायल में जारी जंग के बीच ईरान ने मिडिल ईस्ट में तनातनी बढ़ा दी है. ईरान की ओर से बड़े हमले की आशंका के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार (14 अगस्त) को इजरायल को 20 बिलियन डॉलर से ज्यादा के प्रमुख हथियारों की बिक्री को मंजूरी दे दी है. इसमें नए एफ-15 लड़ाकू जेट और हजारों टैंक और मोर्टार गोले शामिल है. यह डील ऐसे समय में हुई है जब बाइडेन ने 10 महीने से चल रही जंग के बाद इजरायल और हमास पर युद्धविराम के लिए दबाव डाला था.
न्यूयार्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, हथियारों को इजरायल तक पहुंचने में कई साल लगेंगे. जिसके तहत इजरायल को बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें, टैंक गोला-बारूद और अन्य युद्धक हथियार भेजे जाएंगे, क्योंकि मिडिल ईस्ट में संघर्ष की आशंकाएं बढ़ती जा रही हैं.
इजरायल के साथ खड़ा अमेरिका
अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए साथ खड़ा हुआ है. ऐसे में इजरायल को एक मजबूत और तैयार आत्मरक्षा क्षमता विकसित करने और बनाए रखने में मदद करना अमेरिकी हितों के लिए महत्वपूर्ण है. माना जा रहा है कि माना कि अमेरिका की यह घोषणा बेहद खास है, क्योंकि इलाके में बढ़े तनाव के बीच इजरायल के प्रति समर्थन दिया है.
इजरायल को ये हथियार मिलने में लगेंगे कई साल
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि दुर्भाग्यवश इजरायल को ये हथियार जल्द नहीं मिलेंगे, क्योंकि इस डील को पूरा करने में कई साल लगेंगे. ऐसे में देश को सबसे पहले 2026 तक नए हथियार प्रणालियों की उम्मीद हो सकती है. जिसका उद्देश्य इजरायल को खुद को सुरक्षित करने और भविष्य में अपनी सैन्य क्षमताओं का विस्तार करने में सहायता करना है. इजरायली अधिकारियों ने कहा है कि घोषणा ईरान और हिजबुल्लाह को एक बड़ा संदेश है, क्योंकि वे इजरायल पर हमले की धमकी देते रहते हैं.
जानिए कौन-कौन से हथियार देगा अमेरिका?
इजरायल भेजे जाने वाले हथियारों में 19 अरब डॉलर के 50 घातक F-15 फाइटर जेट और उससे जुड़े उपकरणों शामिल हैं. मगर, एफ-15 को बनाने में कई साल लगेंगे और इनके 2029 से पहले मध्य पूर्व तक पहुंचने की उम्मीद नहीं है. 102 मिलियन डॉलर की लड़ाकू विमानों के लिए हवा से हवा में मार करने वाली 30 एडवांस्ड मीडियम रेंज मिसाइलें जिन्हें “एएमआरएएएम” के नाम से जाना जाता है. है, जबकि टैंक कारतूसों की कीमत लगभग 775 मिलियन डॉलर और वाहनों की कीमत लगभग 583 मिलियन डॉलर है.
बिडेन प्रशासन ने क्यों लिया फैसला?
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बिडेन-हैरिस प्रशासन ने इस आशंका के चलते इजरायल को भेजे जाने वाले हथियारों की कम से कम एक खेप को रोक दिया था. बिडेन प्रशासन को गाजा में मृत नागरिकों की बढ़ती संख्या पर सार्वजनिक आक्रोश के साथ इजरायल के प्रति अपने समर्थन को संतुलित करना पड़ा है. जिस पर इजरायल ने पिछले अक्टूबर में हमास के सरप्राइज अटैक के बाद आक्रमण किया था.
यह भी पढ़ें: ‘केजरीवाल की जमानत… कहना अच्छा तो नहीं लगता पर’, अभिषेक मनु सिंघवी ने दी ये दलील और सुप्रीम कोर्ट ने टाल दी सुनवाई
[ad_2]
Source link