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Islands in Bangladesh: माना जा रहा है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की सत्ता केवल एक द्वीप के कारण चली गई. इस द्वीप का नाम सेंट मार्टिन है. यह बंगाल की खाड़ी के उत्तर- पूर्वी भाग में स्थित एक छोटा सा द्वीप है. इसका कुल एरिया महज तीन वर्ग किमी है. क्योंकि यह देश में तख्ता-पलट का कारण बना इस वजह से लगातार सुर्खियों में है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बांग्लादेश में कितने द्वीप या आइलैंड्स हैं.
दरअसल बांग्लादेश में काफी बड़ी संख्या में द्वीप मौजूद हैं. अगर अनुमानित संख्या की बात की जाए तो यह 700 से 1000 के लगभग होगी. इसमें बसे हुए और निर्जन दोनों तरह के द्वीप शामिल हैं. साथ ही वे द्वीप भी हैं, जो समय के साथ गायब हो गए हैं. उल्लेखनीय द्वीपों में भोला सबसे बड़ा और सेंट मार्टिन बांग्लादेश का एकमात्र मूंगा (कोरल) द्वीप है. कई द्वीप नदियों की तलछट जमा होने से बने हैं और स्थानीय भाषा में उन्हें ‘चार’ कहा जाता है. बांग्लादेश में ज्यादातर द्वीप बंगाल की खाड़ी और पद्मा नदी के मुहाने पर स्थित हैं.
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सबसे बड़ा द्वीप, भोला
बांग्लादेश का सबसे बड़ा द्वीप भोला द्वीप है. इसे दखिन शाहबाजपुर भी कहा जाता है. भोला द्वीप लगभग 3,402 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यह मेघना नदी के मुहाने पर स्थित है. भोला द्वीप जाने के लिए ढाका और बारिसल से नौका सेवा उपलब्ध है. यह द्वीप 130 किमी लंबा है. इसकी आबादी करीब 17 लाख है. जिसमें 96.7 फीसदी मुसलमान और केवल 3.7 फीसदी हिंदू हैं. अगर 1776 का नक्शा देखें तो इस द्वीप का आकार अंडाकार था. लेकिन मेघना नदी के कटाव के कारण वर्तमान में यह अधिक लंबा हो गया है. समुद्र तट से अपनी कम ऊंचाई (केवल 6 फिट) के कारण इसका बड़ा हिस्सा जलमग्न हो चुका है. अब द्वीप के पूरी तरह से गायब होने का गंभीर खतरा है.
सेंट मार्टिन द्वीप
सेंट मार्टिन बंगाल की खाड़ी के उत्तर- पूर्वी भाग में स्थित एक छोटा सा द्वीप है. इसका कुल एरिया केवल तीन वर्ग किमी है. यह कॉक्स बाजार से लगभग 9 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है. इस द्वीप को बांग्लादेश में नारिकेल जिंजिरा (नारियल द्वीप) या दारुचिनी द्वीप (दालचीनी द्वीप) के नाम से भी जाना जाता है. यह बांग्लादेश का एकमात्र मूंगा द्वीप है. यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता, जैसे कि नीले पानी और विविध समुद्री जीवन, जैसे कोरल्स के लिए प्रसिद्ध है. यह द्वीप विशेष रूप से सर्दियों में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है. इस द्वीप पर रहने वाले लोग मुख्यतः मछली पकड़ने, चावल-नारियल की खेती और पर्यटन पर निर्भर हैं. यहां की जनसंख्या करीब 5,000 है. इस द्वीप पर अधिकार को लेकर बांग्लादेश और म्यांमार के बीच विवाद था. सेंट मार्टिन में समुद्री सीमा को लेकर दोनों देशों के बीच कई बार टकराव देखने को मिला था. लेकिन 2012 में अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून न्यायाधिकरण ने अपने एक फैसले में कहा कि द्वीप पर बांग्लादेश का अधिकार है.
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कुछ और प्रमुख द्वीप
इनके अलावा एक प्रमुख द्वीप निझुम है. यह द्वीप अपनी जैव विविधता और प्राकृतिक दृश्यों के लिए जाना जाता है. बंगाल की खाड़ी में स्थित यह द्वीप अपनी अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए जाना जाता है, जिसमें मैंग्रोव वन और विविध वन्य जीवन शामिल हैं. यह पक्षियों और जानवरों की विभिन्न प्रजातियों का घर है. इस द्वीप पर लगभग 8,000 लोग बसते हैं. इनका मुख्य पेशा मछली पकड़ना और खेती है. इसी तरह एक और महत्वपूर्ण द्वीप हटिया है. बंगाल की खाड़ी में स्थित यह द्वीप भी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. हटिया द्वीप अपनी कृषि उत्पादकता के लिए जाना जाता है, जो नोआखली जिले का हिस्सा है. हटिया अपने मछली पकड़ने के उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है.
जानें सैंडविप द्वीप की खासियत
सैंडविप द्वीप चटगांव के पास स्थित है. यह अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व के लिए जाना जाता है. यह मछली पकड़ने और कृषि के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल है. ये द्वीप न केवल पर्यटन, मछली पकड़ने और कृषि के माध्यम से बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में योगदान देता है बल्कि क्षेत्र में पारिस्थितिक और भू-राजनीतिक महत्व भी रखता है. बांग्लादेश में 26 से अधिक द्वीपों को मान्यता मिली हुई है और वे सूचीबद्ध हैं. लेकिन बहुत से छोटे द्वीप हैं, जिन्हें चार कहा जाता है. ये डेल्टा क्षेत्र में तलछट जमा होने के कारण बनते और बिगड़ते रहते हैं. साथ ही अपना स्थान भी बदलते रहते हैं.
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बड़ी संख्या में मौजूद हैं ‘चार’
बांग्लादेश में जो बड़ी संख्या में द्वीप मौजूद हैं, उन्हें ‘चार’ कहा जाता है. लेकिन इनकी संख्या कितनी है, यह सटीक ढंग से नहीं बताया जा सकता है. ‘चार’ शब्द का प्रयोग उन तलछट द्वीपों के लिए किया जाता है, जो हिमालय से निकलने वाली प्रमुख नदियों के किनारे विकसित होते हैं. इन ‘चार’ को बाढ़, कटाव और भूमि के नुकसान के प्रति अत्यधिक संवेदनशील माना जाता है. ‘चार’ लगातार बनते बिगड़ते रहते हैं. जिससे खेती के लिए नए क्षेत्र बनते रहते हैं. इन पर रहना असुरक्षित और जोखिम भरा है, फिर भी 50 लाख से अधिक लोग इन ‘चार’ में रहते हैं. ‘चार’ भूमि बंगाल क्षेत्र के भूगोल की एक प्रमुख विशेषता है. इन द्वीपों की गतिशील प्रकृति का मतलब है कि नए द्वीप उभर सकते हैं जबकि कुछ गायब हो सकते हैं. ये इस इलाके के बदलते रहने वाले भूगोल को बताता है.
Tags: Bangladesh, Bangladesh Border, Bangladesh news, Bangladesh PM Sheikh Hasina
FIRST PUBLISHED : August 13, 2024, 14:24 IST
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