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राजौरी के बलिदानी कैप्टन शुभम गुप्ता के पिता और मां
– फोटो : अमर उजाला
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शहादत… सिसकियां और सम्मान। तीन घंटे के वीरांगना सम्मान समारोह में सबकुछ रहा। शहादत के जिक्र से वीरांगनाओं की आंखें छलक पड़ीं। अपनों की यादों में सिसकती तो कभी आंसू पोंछतीं। सैनिकों की वीरगाथा सुन लोगों की भी आंखें भर आईं। जोश में भारत माता की जय, वंदे मातरम् के जयकारों से माहौल राष्ट्रमय हो गया।
डॉ. एमपीएस वर्ल्ड स्कूल के सभागार में आयोजित वीरांगना सम्मान समारोह में हॉल ठसाठस भर गया। 1965 के युद्ध से राजोरी हमले तक बलिदानियों के परिजन को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में युवा, महिलाओं और बुजुर्ग, सबने भागीदारी की।
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