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कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या को लेकर आक्रोशित डॉक्टरों की हड़ताल अब समाप्त होती नजर आ रही है। डॉक्टरों के एक महत्वपूर्ण संगठन ‘फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन’ (FORDA) ने स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के साथ बैठक के बाद हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया है। हालांकि एम्स की रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है। एम्स के रेजीडेंट डॉक्टरों का कहना है कि केंद्रीय प्रोटेक्शन एक्ट की मांग पर ठोस आश्वासन मिलने तक हड़ताल जारी रहेगी। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (फेमा) ने भी हड़ताल जारी रखने का फैसला किया है।
इन अस्पतालों में जारी रहेगी हड़ताल
1- एम्स दिल्ली
2- सफदरजंग अस्पताल
3- राम मनोहर लोहिया अस्पताल
4- इंदिरा गांधी अस्पताल
5- राजीव गांधी अस्पताल
6- हेडगेवार अस्पताल
आज रात तक फैसला आने की उम्मीद
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, अन्य अस्पताल के डॉक्टर देर रात तक बैठक कर फैसला लेंगे। फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने मंगलवार को अपने आधिकारिक बयान में कहा कि वह अपनी हड़ताल वापस ले रहा है, क्योंकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने उनकी मांगों को मान लिया है। FORDA के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार रात को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की। FORDA ने कहा कि बुधवार सुबह से हड़ताल समाप्त रहेगी। उसने यह निर्णय मरीजों के कल्याण के हित में लिया है।
स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठक में बनी बात
एसोसिएशन की ओर से जारी बयान के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्रीय प्रोटेक्शन एक्ट पर काम करने के लिए FORDA की भागीदारी के साथ एक समिति बनाने पर सहमति जताई। मंत्रालय ने भरोसा दिया है कि इस पर अगले 15 दिनों के भीतर काम शुरू हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी जल्द एक आधिकारिक बयान सामने आने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने जारी की एडवाइजरी
इस बीच राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में हुई जघन्य घटना का संज्ञान लेते हुए देशभर के सभी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत अस्पतालों में जरूरी स्थानों सुरक्षा गार्ड की तैनाती करने के निर्देश दिए हैं।
अस्पतालों को नीति बनाने का सुझाव
चिकित्सा आयोग ने अपनी एडवाइजरी में लिखा है कि हाल के दिनों में मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं। सभी मेडिकल कॉलेजों से अनुरोध है कि वे फैकल्टी, मेडिकल छात्रों और रेजिडेंट डॉक्टरों समेत सभी स्टाफ सदस्यों के लिए कॉलेज और अस्पताल परिसर के भीतर सुरक्षित वातावरण के लिए एक नीति विकसित करें। सभी संवेदनशील क्षेत्रों की सीसीटीवी से निगरानी करनी चाहिए।
पर्याप्त सुरक्षाकर्मियों की हो तैनाती
मेडिकल कॉलेज और अस्पताल परिसर में ओपीडी, वार्ड, कैजुअल्टी, लेबर रूम, हॉस्टल और आवासीय क्वार्टर और अन्य खुले क्षेत्रों में पर्याप्त सुरक्षा कर्मचारियों (पुरुष और महिला) की तैनाती सहित पर्याप्त सुरक्षा उपाय उपलब्ध कराए जाने चाहिए। यही नहीं मेडिकल छात्रों के खिलाफ हिंसा की किसी भी घटना की कॉलेज प्रबंधन की ओर से तुरंत जांच कराने के साथ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। हिंसा की किसी भी घटना पर विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट अनिवार्य रूप से घटना के 48 घंटे के भीतर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) को भेजी जानी चाहिए।
(पीटीआई और हिन्दुस्तान संवाददाता के इनपुट पर आधारित रिपोर्ट)
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