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12 अगस्त को कैंडल मार्च निकालते जूनियर डॉक्टर
– फोटो : संवाद
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कोलकाता में जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या के विरोध में आज भी एएमयू के जेएन मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर रहे। 12 अगस्त को उन्होंने ओपीडी ब्लॉक में विरोध मार्च और शाम को कैंडल मार्च निकाला था। हड़ताल के कारण मरीज और उनके तीमारदार परेशान हैं। कई मरीजों को बिना दिखाए ही लौटना पड़ रहा है। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं जारी रहीं।
आरजीकेएमसी कोलकाता की जूनियर डॉक्टर के साथ घटित घटना के विरोध में 12 अगस्त को रेजीडेंट डाॅक्टर्स एसोसिएशन ने सुबह 11:30 बजे से हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया। इसके बाद जूनियर डॉक्टरों ने ड्यूटी छोड़कर पूरे ओपीडी ब्लॉक में विरोध मार्च निकाला। हड़ताल के कारण पर्चा बनाने के समय में एक घंटे की कटौती कर दी गई। सुबह 8 बजे से 11:30 बजे तक ही पर्चे बने, जबकि सामान्य दिनों में पर्चा सुबह 8 बजे से 12:30 बजे तक बनते हैं। 12 अगस्त को कुल 3,970 पर्चे बने, जबकि सामान्य दिनों में छह हजार पर्चे बनते हैं।
इधर, जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर रहने के कारण सीनियर रेजिडेंट और प्रोफेसर ने व्यवस्थाएं संभाली है। लेकिन मरीजों की भीड़ अधिक होने के कारण ओपीडी में मरीजों को एक-दो मिनट का ही समय दिया गया। आरडीए के अध्यक्ष डॉ. मोहम्मद आसिम सिद्दीकी ने बताया कि मृतक जूनियर डॉक्टर को इंसाफ मिलना चाहिए।
मेरे कान में दर्द है, जिसका इलाज जेएन मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। डॉक्टर को दिखाने आई थी। तीन घंटे बाद नंबर आया, लेकिन डॉक्टर नहीं मिले। बिना दिखाए वापस जाना पड़ रहा है। -चमेली, मरीज, राजपुर, कासगंज।
मुझे दिल का दौरा पड़ा था। जेएन मेडिकल कॉलेज में उपचार चल रहा है। कान में खून आने लगा तो यहां दिखाने आया था। काफी देर से लाइन में लगा हूं। अब वापस जा रहा हूं। – सलीम, मरीज, धरामई, एटा।
मुझे रीढ़ की हड्डी में परेशानी है। जेएन मेडिकल कॉलेज इलाज कराने आया था, लेकिन भीड़ बहुत थी और डॉक्टर कम थे, इसलिए अब वापस जा रहा हूं। – वीरेंद्र पाल, कासगंज।
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