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बाड़मेर जिले के लीलसर गांव में बड़ी संख्या में हिरणों के शिकार मामले में वन विभाग ने एक शिकारी को गिरफ्तार किया है। उसने चौंकाने वाले खुलासे किए है। आरोपी गैंग बनाकर हिरणों का शिकार करता है और हिरणों के मांस को 200 रुपए किलो में बेच देते थे। मुनाफा देख
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डीएफओं सविता दहया का कहना है कि सोमवार को हमें सुबह सूचना मिली थी कि हिरणों का शिकार हुआ है। मौके पर गए वहां पर 7 हिरणों के शव और कुछ अवशेष पड़े हुए थे। पुलिस और प्रशासन की मदद से हमने कुछ संदिग्ध लोगों को डिटेन किया है। पूछताछ में सामने आया है कि आईदानराम निवासी गांव मांगता धोरीमन्ना है जो बड़े स्केल पर मांस की सप्लाई करता है। पूछताछ में कुछ ने कबूल भी किया है कि हम लोगों ने शिकार किया है। 7-8 जने हिरासत में है जिनसे पूछताछ चल रही है। डीएफओ ने बताया कि – वन्य जीवों का शिकार करने वाले लोगों के कानून के तहत 7 साल की सजा है।
हिरणों के शवों को डि-फ्रीज में रखवाए गए है।
200 रुपए किलो में बेचते थे मीट
पूछताछ में अभी तक ज्यादा कुछ जानकारी नहीं निकली है। लेकिन यह बताया है कि लोगों की मांस की डिमांड रहती है। 200 रुपए किलो के हिसाब से मीट सप्लाई कर रहा था। इसने 8-10 लोगों का गैंग बना रखा है। सारे लोकल लड़के है। जिनको लालच देता है कि एक हिरण पकड़ कर लाओंगे तो इतने पैसे मिलेगे। हिरण से लोगों की धार्मिक भावनाएं भी जुड़ी हुई है। इसमें त्वरित गति से कार्रवाई की जा रही है। जिस पर शक हो रहा है उसे डिटेन कर पूछताछ की जा रही है। 3-4 लोग भागे हुए है जिनकी लोकेशन ट्रेस करके पकड़ने की कोशिश कर रहे है।
ग्रामीण कार्रवाई से संतुष्ट है
डीएफओ ने बताया- धरना अभी तक चल रहा है। ग्रामीणों की डिमांड थी कि जब तक आरोपी पकड़ने नहीं जाएंगे तब धरना नहीं उठाएंगे। आरोपी पकड़ में आ गए है। ग्रामीणों से अपील है कि कानून को अपना काम करने दें, पोस्टमार्टम की कार्रवाई समय पर करवाई जानी चाहिए। पहले रोष था ग्रामीणों में लेकिन कार्रवाई से काफी हद तक संतुष्ट है।
लीलसर गांव में लगातार दूसरे दिन भी धरना जारी।
तीन अलग-अलग गैंग चला रहे थे
डीएफओ ने बताया- पूछताछ में बताया है कि यह लोग करीब डेढ़ साल से गिरोह चला रहे थे। इसमें मुनाफा ज्यादा हो रहा था। अभी तक तीन गैंग की सूचना मिली है। अलग-अलग गांव और अलग-अलग जगह पर चला रहे थे। लेकिन अभी कहां पर सप्लाई कर रहे थे इसकी जानकारी जुटाई जा रही है।
शिकारी और मांस खरीदने वालों को गिरफ्तारी की मांग
धरने पर बैठे ग्रामीणों और वन जीव प्रेमी संगठनों से जुड़े लोगों की मांग है कि इतनी बड़ी संख्या में हिरणों का एक साथ शिकार हुआ है। इसके पीछे बड़ा गिरोह सक्रिय है। यह मांस किन होटलों तक सप्लाई होता था। इसके खरीददार कौन है? शिकारियों के साथ उन होटल सप्लायर्स और खरीददार को भी गिरफ्तार किया जाए।
पिछले 4-5 साल में हिरणों की संख्या लगातार घट रही है। वन विभाग की टीम ने 7 लोगों को संदिग्ध मानते हुए हिरासत में लिया। जिनसे पूछताछ की जा रही है। इनमें एक संदिग्ध ने हिरणों का शिकार करने के दौरान साथ होना स्वीकार किया है।
अलग-अलग टीमें पूछताछ करने के साथ शेष आरोपियों की तलाश कर रही है।
प्रशासन से कई दौर की वार्ता हुई लेकिन सहमति नहीं बनी
धरने पर बैठे लोगों को वार्ता के लिए बाड़मेर डीएफओ सविता दइया, एएसपी जसाराम बोस, चौहटन डीएसपी कृतिका यादव, गुड़ामालानी डीएसपी सुखाराम विश्नोई, चौहटन विधायक आदूराम मेघवाल समेत जिला प्रशासन के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया कि वो आरोपियों को जल्द गिरफ्तार कर लेंगे। लेकिन ग्रामीण खुलासा करने और गिरफ्तारी की मांग पर अड़े हुए हैं।
यह है मामला
लीलसर के पास दो धोरों की पाल है। जिसके बीच में कहीं किसी का नजदीक तक घर नहीं है। ऐसे में रात के समय शिकारी इस पाल के इलाके में विचरण करने वाले हिरणों पर रोशनी डाल कर शिकार करते हैं।
फिर इन हिरणों को एक जगह इकट्ठा करके मांस होटलों तक सप्लाई करते हैं। सोमवार सुबह 3 हिरण एक जगह पैर बंधे हुए मिले। वहीं 4 हिरण दूसरी जगह पैर बंधे हुए मिले। एक हिरण के बाल, सींग व मांस मिला है। ऐसे में 8 हिरणों का मांस वन विभाग ने बरामद कर डी-फ्रीज में रखवाया है।
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