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बांग्लादेश हिंसा के बीच पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने पाकिस्तानी अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए एक ऐसा बयान दिया है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है.
राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और सैन्य नेतृत्व ने ऐलान किया कि वह अल्पसंख्यकों की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस पर भी ध्यान दिया जाएगा की हिंदुओं के अधिकारों को कोई नुकसान ना पहुंचाया जाए.
पाकिस्तान का यह भी कहना है कि वह समाज के सभी वर्गों से अंतरधार्मिक सदभाव, प्रेम, सहिष्णुता, भाईचारा और एकता की भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा.
राष्ट्रपति जरदारी ने अपने भाषण में कहा कि पाकिस्तान के संविधान के अनुसार देश में अल्पसंख्यकों को सभी राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक अधिकार मिलते हैं.
11 अगस्त 1947 को भी पाकिस्तान ने अल्पसंख्यकों के अधिकारों और रक्षा का वादा किया था, लेकिन इतिहास के पन्ने पलट कर देखें तो पाकिस्तान में इसका ठीक उलटा ही हुआ है.
1947 से लेकर 2024 तक के आंकड़ें देखें तो पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की संख्या में हमेशा गिरावट दर्ज की गई है.
इस मुद्दे को लेकर मानवाधिकार संगठन ने भी कई बार पाकिस्तान को फटकार लगाई है, लेकिन फिर भी इस देश पर कोई असर नहीं होता. इन सब के बावजूद पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
Published at : 13 Aug 2024 02:50 PM (IST)
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