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मध्य प्रदेश से एक दर्दनाक मामला सामने आया है जहां एक मां ने डिलवरी के कुछ ही मिनटों बाद अपने बच्चे को खो दिया। मामला शिवपुरी जिले के एक गांव का है जहां महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसे स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया लेकिन वहां महिला को देखने के लिए कोई डॉक्टर नहीं था। बाद में एक सफाई कर्मचारी की मदद से डिलीवरी कराई गई लेकिन बच्चे के जन्म के कुछ मिनटों बाद ही महिला ने बच्चे को खो दिया।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जिला स्वास्थ्य अधिकारी संजय ऋषिवार ने दावा किया कि डॉक्टर अपनी परीक्षा देने में व्यस्त था जिसके चलते स्वास्थ्य केंद्र में कोई डॉक्टर नहीं था। उन्होंने कहा, सफाई कर्मी को नौकरी से हटा दिया गया है।
घटना रविवार की बताई जा रही है। महिला की पहचान 32 साल की रजनी ओझा के रूप में हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक रविवार सुबह करीब 9 बजे उसे प्रसव पीड़ा हुई। उसके पति ने एंबुलेंस के लिए कई बार फोन किया लेकिन कोई भी एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची। इसके बाद एक प्राइवेट गाड़ी कर महिला को स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया लेकिन वहां भी उसे अटेंड करने के लिए ना तो कोई डॉक्टर था और ना कोई नर्स। महिला के पति राम सेवक ओझा ने कहा, हमने कई बार फोन किया लेकिन कोई एंबुलेंस नहीं मिली। प्राइवेट गाड़ी से हम यहां स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे लेकिन यहां भी कोई डॉक्टर या नर्स नहीं था। डिलीवरी तो हुई लेकिन उनका बच्चा नहीं बच पाया।
उन्होंने बताया कि दोपहर 12.30 बजे तक अस्पताल पहुंच गए थे लेकिन वहां कोई स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद नहीं था। ऐसे में एक महिला सफाई कर्मचारी उनकी पत्नी को लेबर रूम में ले गई। उन्होंने एक लड़की को जन्म दिया, लेकिन समय पर इलाज न मिलने के कारण कुछ ही मिनट बाद बच्चे की मौत हो गई। उधर नौकरी से हटाए जाने वाली सफाईकर्मी ने बताया कि डॉक्टर और नर्स रविवार को ड्यूटी पर नहीं आते हैं।
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